ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों की बढ़ेंगी मुश्किलें, CM मनोहर लाल ने दी बड़ी चेतावनी

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 03 Feb, 2023 06:32 PM

cm manohar lal gave a big warning to sarpanchs opposing e tendering

उन्हें चेतावनी देते हुए सीएम ने कहा कि उनके हिस्से का फंड भी उन सरपंचों को दे दिया जाएगा, जिन्होंने अपने गांवों में विकास कार्य करवाने शुरू कर दिए हैं।

नरवाना : ई-टेंडरिंग को लेकर जहां हरियाणा में सरपंचों का विरोध तेज होता जा रहा है, तो वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को एक चेतावनी दे डाली है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के करीब 1650 सरपंचों ने अपने गांवों में विकास कार्य शुरू करवा दिए हैं। वहीं कुछ सरपंच अब भी विपक्षी पार्टियों के बहकावे में आकर गांव को विकास कार्यों से वंचित रखने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरपंचों को गांवों के विकास के 31 मार्च तक खर्च करने के लिए 1100 करोड़ रुपए दिए हैं। कुछ सरपंचों ने इन रुपयों का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है। वहीं जो सरपंच अब भी विरोध प्रदर्शन में उलझ कर इन रुपयों का इस्तेमाल विकास कार्य करवाने के लिए नहीं कर रहे हैं, उन्हें चेतावनी देते हुए सीएम ने कहा कि उनके हिस्से का फंड भी उन सरपंचों को दे दिया जाएगा, जिन्होंने अपने गांवों में विकास कार्य करवाने शुरू कर दिए हैं।

 

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ई-टेंडरिंग के माध्यम से काम करवाने में सरपंचों को क्या है परेशानी : सीएम

 

नरवाना में आयोजित गुरु रविदास जयंती समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ई-टेंडरिंग जैसी योजनाओं की शुरुआत कर रही है। वहीं विपक्ष के लोग जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं। इसी प्रकार ऐसे ही कुछ लोग सरपंचों के लिए शुरू की गई ई-टेंडरिंग योजना का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरपंच कहते हैं कि उन्होंने काफी पैसे खर्च करने के बाद चुनाव जीता है और वे सरपंच बने हैं। सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को ई-टेंडरिंग के माध्यम से विकास कार्य करवाने में परेशानी क्यों हो रही है। उन्होंने मंच से कहा कि ई-टेंडरिंग के जरिए ठेकेदार के काम करवाने पर करप्शन को कम करने में सहायता मिलेगी।

 

31 मार्च फंड का इस्तेमाल नहीं हुआ तो दूसरे सरपंचों को मिलेगा फायदा

 

मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए 1100 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। काफी सरपंचों ने इस फंड का इस्तेमाल कर अपने-अपने गांव में विकास कार्य करवाने की शुरुआत भी कर दी है। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल 31 मार्च तक किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी कुछ सरपंच ई-टेंडरिंग का विरोध करने के चक्कर में इस राशि का इस्तेमाल कर गांव में विकास कार्य नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने ऐसे सरपंचों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे अपने हिस्से के फंड का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो यह फंड भी उन सरपंचों को दे दिया जाएगा, जिन्होंने अपनी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य करवाने की शुरुआत कर दी है। इसके बाद विरोध कर रहे किसान बाद में चिल्लाते फिरेंगे कि हमारा फंड चला गया। वहीं उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि सभी सरपंच मिलकर 31 मार्च से पहले इस 1100 करोड़ रुपए की पूरी राशि का इस्तेमाल भी कर लेते हैं, तो सरकार और फंड देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। सीएम ने कहा कि सरपंचों को अपने गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए सामने आना चाहिए। प्रदेश सरकार सरपंचों को हर मदद देने के लिए तैयार है। 

 

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