Edited By Saurabh Pal, Updated: 14 Jun, 2024 08:24 PM
बीजेपी नीतिगत साजिश के तहत हरियाणा के शिक्षा तंत्र को बर्बाद कर रही है। उसका मकसद एससी, ओबीसी और गरीबों को शिक्षा से वंचित करना है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का...
चंडीगढ़ः बीजेपी नीतिगत साजिश के तहत हरियाणा के शिक्षा तंत्र को बर्बाद कर रही है। उसका मकसद एससी, ओबीसी और गरीबों को शिक्षा से वंचित करना है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा शिक्षण संस्थाओं में खाली पड़े पदों और फीस बढ़ोत्तरी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के नाम पर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में 5 गुना तक फीस बढ़ा दी गई। क्योंकि बीजेपी गरीब, दलित व पिछड़े परिवारों के बच्चों के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे बंद करना चाहती है। इसलिए फीस बढ़ोत्तरी के नाम पर विद्यार्थियों से खुली लूट की जा रही है। इस बढ़ाई फीस के फैसले को वापिस लिया जाए। कांग्रेस की जिस नीति ने हरियाणा को शिक्षा का हब बनाया था, बीजेपी उसे बर्बाद करने पर तुली है।
हुड्डा ने कहा कि इस सरकार का सारा जोर छात्रों से वसूली करने पर है। जबकि उसे टीचर्स की भर्ती पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। टीचर्स की भर्ती नहीं होने के चलते आज प्रदेश के 182 सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापकों के 7986 मंजूर पदों में 4618 पद खाली पड़े हैं। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग में लगभग 50,000 पद खाली पड़े हैं। और 2 लाख सरकारी स्वीकृत पद खाली पड़े है। बीजेपी सरकार संविदा या कौशल निगम के जरिए पदों को भर रही है और बिना पक्की भर्ती के इन पदों को खत्म किया जा रहा है। संविदा और कौशल निगम के जरिए लगाए गए लोगों का बिना किसी जॉब सिक्युरिटी के कम वेतन में शोषण किया जा रहा है। साथ मे पारदर्षिता और गरीब पिछडो व अन्य वर्गों के आरक्षण को खत्म किया जा रहा ।
शिक्षा व्यवस्था के प्रति बीजेपी का नजरिया इसी बात से समझा जा सकता है कि ये सरकार करीब 5000 सरकारी स्कूलों को मर्जर का नाम देकर बंद कर चुकी है। ये सरकार यूनिवर्सिटीज की फंडिंग बंद करने के लेटर जारी कर चुकी है। ये सरकार एमबीबीएस फीस को 2 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर चुकी है। और अब इसी सरकार ने एनईपी (नई शिक्षा नीति) के तहत यूनिवर्सिटी की फीस को पांच गुना तक बढ़ा दिया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान बच्चों को मुफ्त व सस्ती शिक्षा देने के लिए हरेक गांव और मोहल्ले में सरकारी स्कूल और कॉलेज खोले गए थे। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सिर्फ शिक्षा विभाग में करीब 1 लाख भर्तियां हुई थीं। कांग्रेस सरकार ने 20 लाख स्कूली बच्चों के लिए पहली से 12वीं क्लास तक देश में सबसे ज्यादा वजीफा देने की योजना शुरू की थी। कॉलेज की शिक्षा में भी ₹14,000 रुपये महीने तक स्कॉलरशिप देने की योजना कांग्रेस ने शुरू की थी। देश से सबसे बड़े और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही हरियाणा में स्थापित हुए। लेकिन अब बीजेपी इन सब संस्थानों और कांग्रेस के स्थापित किए शिक्षा तंत्र को बर्बाद करने पर तुली है।
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