पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व सांसद आत्मा सिंह, कई बड़े नेताअों ने दी श्रद्धांजलि

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Nov, 2017 04:39 PM

​​​​​​​सिरसा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे आत्मा सिंह गिल पंचतत्व में विलीन हुए। उन्हें उनके बड़े बेटे इंद्रजीत सिंह ने मुखाग्नि दी। उनका दाह संस्कार उनके पैतृक गांव बलियाला में किया गया। सिरसा के मौजूदा सांसद चरनजीत रोड़ी, रतिया एमएलए रविन्द्र...

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): सिरसा संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे आत्मा सिंह गिल पंचतत्व में विलीन हुए। उन्हें उनके बड़े बेटे इंद्रजीत सिंह ने मुखाग्नि दी। उनका दाह संस्कार उनके पैतृक गांव बलियाला में किया गया। सिरसा के मौजूदा सांसद चरनजीत रोड़ी, रतिया एमएलए रविन्द्र बलियाला, कांग्रेस के पूर्व कई संसदीय सचिवों सहित कई पार्टियो के बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।आत्मा सिंह गिल का रविवार रात्रि को देहांत हो गया। वह पिछले कुछ समय से पीलिया बीमारी से ग्रस्त थे। 
PunjabKesari
सिरसा लोकसभा के वर्तमान सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी ने कहा कि यह बहुत दुख का विषय है, प्रदेश ने एक सरल स्वभाव का नेता खो दिया है। उनकी कमी को कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता वह इस क्षेत्र के आदर्श माने जाते रहे हैं। मैं आज उनके निधन से न केवल राजनीतिक क्षेत्र को बल्कि आम जनता को भी गहरा धक्का लगा हैl
PunjabKesari
12 अक्तूबर 1938 को जन्में पूर्व सांसद गिल 2004 से 2009 तक सिरसा संसदीय सीट से कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। इससे पहले वो 1987 में जनता दल की टिकट पर रतिया से विधायक भी चुने गए थे। आत्मा सिंह गिल 1987 से 1991 तक रतिया के विधायक रहे। पूर्व सांसद आत्मा सिंह गिल के कार्यकाल में कई किस्से काफी मशहूर हुए थे। कभी कभी भजन लाल के साथ रहने वाले आत्मा सिंह गिल अपने संसदीय कार्यकाल में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रहे। इसी के चलते 2005 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने आत्मा सिंह गिल के बेटे गुरदीप गिल को टिकट दी लेकिन वो चुनाव हार गए। 

सिरसा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद सरदार आत्मा सिंह गिल का सांसद बनने का सफर भी बहुत अनोखा रहा। 2004 में कांग्रेस पार्टी की लहर चल रही थी और प्रदेशाध्यक्ष भजन लाल के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी। लेकिन इसके बावजूद भजन लाल को सिरसा सीट से कोई उम्मीदवार फिट नहीं बैठ रहा था। सिरसा इनेलो का गढ़ माना जाता था, इसलिए इस सीट के लिए पूर्व सीएम भजन लाल ने जब सारे समीकरण बनाए तो टिकट आत्मा सिंह गिल के खाते में गई। साल 2004 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी और सरदार मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने तो हरियाणा के कांग्रेसी सांसदों के साथ परिचय के दौरान उन्होंने पूछा था कि सिरसा से किसने जीत हासिल की है। इस पर जब सरदार आत्मा सिंह गिल आगे आए तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा कि उन्होंने इनेलो को उसके गढ़ में हराया है, ये जीत वाकई जबरदस्त है। 
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!