Edited By Deepak Kumar, Updated: 06 Jul, 2025 08:31 PM

वियतनाम में आयोजित अंडर-17 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के लिए 92 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाले अर्जुन रुहल एक बार फिर चर्चा में हैं। गोल्ड मेडल जीतने के बाद अर्जुन उस मिनी कुश्ती दंगल में पहुंचे जहां उन्होंने 9 साल की...
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : वियतनाम में आयोजित अंडर-17 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के लिए 92 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने वाले अर्जुन रुहल एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार कारण उनकी जीत नहीं, बल्कि उनका विनम्रता और जड़ों से जुड़ाव है। गोल्ड मेडल जीतने के बाद अर्जुन उस मिनी कुश्ती दंगल में पहुंचे जहां उन्होंने 9 साल की उम्र में ₹10 की पहली कुश्ती जीतकर पहलवानी की दुनिया में कदम रखा था।
अर्जुन को मिला 11,000 रुपये का सम्मान
दंगल कमेटी ने अर्जुन की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए उन्हें ₹11,000 का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस मौके पर अर्जुन ने कहा, "मैंने इसी दंगल से कुश्ती की शुरुआत की थी और आज जब मैं एशिया का गोल्ड मेडलिस्ट बना हूं, तो यहां आकर आशीर्वाद लेना जरूरी समझा। मेरा अगला लक्ष्य जूनियर और सीनियर लेवल पर देश के लिए और मेडल जीतना है, खासकर कॉमनवेल्थ और ओलंपिक खेलों में।"
2017 में शुरू हुआ था मिनी कुश्ती दंगल
साल 2017 में रोहतक जिले के सांपला कस्बे में हर महीने के पहले रविवार को बच्चों के लिए मिनी कुश्ती दंगल की शुरुआत की गई थी। इसी पहल ने एक छोटे से गांव से अर्जुन जैसे प्रतिभाशाली पहलवान को जन्म दिया। उस समय अर्जुन महज 9 साल के थे और ₹10 की कुश्ती जीतकर बेहद खुश हुए थे। वही पहला मुकाबला उनकी प्रेरणा बना, जिसने उन्हें आज अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया है।
गांव और कमेटी में खुशी की लहर
दंगल कमेटी और गांव वालों ने अर्जुन की इस सफलता को संपूर्ण क्षेत्र की उपलब्धि बताया। कमेटी के एक सदस्य ने कहा, "जिस बच्चे ने हमारे छोटे से आयोजन से शुरुआत की थी, आज वो भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत कर लौटा है — इससे बड़ी प्रेरणा और क्या हो सकती है। हमें पूरा विश्वास है कि अर्जुन भविष्य में ओलंपिक जैसे मंचों पर देश का नाम रोशन करेगा।"
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