अरावली में माइनिंग से हरियाणा के 40 गांवों के अस्तित्व पर खतरा, ऐतिहासिक धरोहरों पर भी संकट

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 22 Dec, 2025 03:14 PM

mining in the aravalli hills threatens the existence of 40 villages in haryana

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद हरियाणा के कई गांवों पर संकट गहरा गया है।

नूंह : सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद नूंह (मेवात) जिले की अरावली पहाड़ियों और आसपास के गांवों पर संकट गहरा गया है। अदालत द्वारा 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली अरावली पहाड़ियों में खनन की अनुमति दिए जाने से नूंह जिले के 40 से अधिक गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। इसके साथ ही हरियाणा और राजस्थान के कुल 6 जिलों के करीब 100 गांव इस निर्णय से प्रभावित हो सकते हैं।

नूंह से सटे राजस्थान के तिजारा, खैरथल, किशनगढ़बास, अलवर, जुरहेड़ा, नगर, पहाड़ी, गोपालगढ़ और कामां क्षेत्र के लगभग 60 गांव भी इस फैसले की जद में हैं। खनन की संभावनाओं को लेकर मेवात क्षेत्र में असंतोष का माहौल बना हुआ है।

इस मुद्दे पर मेवात आरटीआई मंच ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मंच की ओर से नायब तहसीलदार नगीना के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को ज्ञापन भेजे गए हैं। ज्ञापनों में फैसले पर पुनर्विचार की मांग करते हुए अरावली के पर्यावरणीय, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया गया है।

मंच अध्यक्ष सुबोध कुमार जैन ने बताया कि नगीना उपतहसील के सांठावाड़ी, नांगल मुबारिकपुर, झिमरावट, ढाडोली कलां व खुर्द समेत 13 गांव ऐसे हैं, जहां पहाड़ियों की ऊंचाई 100 मीटर से कम है। यदि इन क्षेत्रों में खनन शुरू हुआ तो गांवों के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहरें (मंदिर, मस्जिद, दरगाहें और किले) भी खतरे में पड़ जाएंगी।

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