Edited By Vivek Rai, Updated: 16 May, 2022 09:11 AM
करनाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा किसानों को पूसा बासमती 1509 धान का खराब बीज बेचने से किसानों में भारी रोष है। हालांकि गलती का एहसास होने पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने खराब बीज को वापिस मांगा है। खराब बीज वापस करने के लिए किसानों...
करनाल(ब्यूरो): करनाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा किसानों को पूसा बासमती 1509 धान का खराब बीज बेचने से किसानों में भारी रोष है। हालांकि गलती का एहसास होने पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने खराब बीज को वापिस मांगा है। खराब बीज वापस करने के लिए किसानों को 21 मई तक का समय दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पिछले 40 दिनों से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा किसानों को पूसा बासमती 1509 का खराब बीज वितरित किया जा रहा था। लेकिन अब तकरीबन दो महीने बाद संस्थान द्वारा बीज खराब होने की बात कही गई है। संस्थान ने कहा है कि किसान खराब 21 मई तक वापस कर सकते हैं। वहीं जिन किसानों ने बीज को पनीरी के लिए प्रयोग कर लिया। उनके लिए कोई प्लानिंग नहीं बनाई गई है। इसलिए भारतीय किसान यूनियन के नेताओं द्वारा इसे लेकर विरोध जताया जा रहा है।
जिन किसानों ने खराब बीज को पनीरी के लिए इस्तेमाल कर लिया है। उनका कहना है कि आईसीएआर की गलती के चलते ना सिर्फ उनका समय बर्बाद हुआ है, बल्कि उन्हें आर्थिक भी झेलना पड़ा है। इस वजह से अनुसंधान केंद्र से भी उनका विश्वास उठ रहा है। वहीं बीज लेकर आने, वापस देने और दोबारा खरीदने में खर्च और समय नष्ट होगा। किसान नेताओं की मांग है कि जिन किसानों ने बीज को पनीरी के लिए इस्तेमाल कर लिया है, उन्हें इसी पैसे में नया बीज दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होगा तो किसान आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
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