हरियाणा में भी हो सकता है चंडीगढ़ पी.जी जलने जैसा हादसा, पैसों के लालच में घर बन रहें कबूतरखाने

Edited By Isha, Updated: 27 Feb, 2020 01:09 PM

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हाल ही में चंडीगढ़ में जिस तरह का एक दर्दनाक हादसा हुआ, उस तरह के हादसे जींद में भी कभी भी हो सकते हैं। जींद में बिना परमिशन के रिहायशी मकानों में पी.जी. धड़ल्ले से चल रहे.....

जींद (जसमेर) : हाल ही में चंडीगढ़ में जिस तरह का एक दर्दनाक हादसा हुआ, उस तरह के हादसे जींद में भी कभी भी हो सकते हैं। जींद में बिना परमिशन के रिहायशी मकानों में पी.जी. धड़ल्ले से चल रहे हैं। इस तरह के पी.जी. में फायर सेफ्टी जैसे दूसरे इंतजाम सिरे से नदारद हैं। चंडीगढ़ में एक मकान में अवैध रूप से चल रहे पी.जी. में आग लगने से हाल ही में हरियाणा के हिसार जिले की मुस्कान सहित 2 अन्य छात्राओं की मौत हो गई थी।

जींद में भी अर्बन एस्टेट कालोनी, बत्तख चौक एरिया सहित शहर के कई हिस्सों में बिना परमिशन के पी.जी. चल रहे हैं। यह सभी पी.जी. रिहायशी मकानों में चलाए जा रहे हैं। पी.जी. बनाने के लिए मकानों के कमरों में कई-कई पार्टिशन कर उन्हें कबूतरखाने में बदल दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवक-युवतियों को पी.जी. में रखकर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाया जा सके। पैसा कमाने की इस होड़ में पी.जी. संचालकों ने पी.जी. में रहने वाले युवक-युवतियों की सुरक्षा को पूरी तरह से नजरअंदाज किया हुआ है।

इस तरह के पी.जी. की संख्या अर्बन एस्टेट कालोनी, सैक्टर-11 और डिफैंस कालोनी में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा बत्तख चौक एरिया में भी एक पूरी गली में इस तरह के पी.जी. रिहायशी मकानों में चल रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार इस समय जींद शहर में 50 से भी ज्यादा ऐसे पी.जी. चल रहे हैं, जिनके लिए इनके संचालकों ने नगर परिषद प्रशासन या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासन से किसी तरह की कोई परमिशन नहीं ली हुई है।

ऐसे पी.जी. में फायर सेफ्टी के भी कोई इंतजाम नहीं हैं। जींद के फायर ऑफिसर कार्यालय से भी किसी पी.जी. के नाम पर एक भी एन.ओ.सी. नहीं ली गई है। इससे साफ है कि रिहायशी मकानों में चलाए जा रहे पी.जी. में फायर फाइटिंग उपकरण नहीं लगाए गए हैं। पी.जी. में रहने वाले युवक-युवतियों की सुरक्षा के साथ पी.जी. संचालक खिलवाड़ कर रहे हैं। 

यह कहते हैं जींद के फायर ऑफिसर
शहर में पी.जी. को फायर सेफ्टी के लिए एन.ओ.सी. दिए जाने को लेकर जींद के फायर ऑफिसर आत्माराम का कहना है कि किसी ने भी पी.जी. के लिए फायर की एन.ओ.सी. नहीं ली हुई है। इसके लिए उनके कार्यालय में कोई आवेदन भी नहीं आया है। कायदा यह कहता है कि पी.जी. के लिए फायर की एन.ओ.सी. हर हालत में ली जाए।

पी.जी. जैसे संस्थानों में कभी भी आग से कोई हादसा हो सकता है और अगर ऐसे संस्थानों में फायर फाइटिंग उपकरण नहीं लगे हों और आग लगने की सूरत में पी.जी. में रहने वाले लोगों को निकालने के लिए उचित व्यवस्था नहीं हो तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। 
 

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