थानेदार के साथ हुई करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में हुआ समझौता, प्लाट बेचने के नाम पर रिश्तेदारों ने की थी ठगी

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 02 Sep, 2023 07:46 PM

agreement reached in the case of fraud of crores with thanedar

9 अगस्त को कैथल के सिविल लाइन थाने में थानेदार से हुई 1.34 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। वहीं शिकायतकर्ता थानेदार वीरेंद्र सिंह आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते हैं। उनके रिश्तेदारों ने प्लॉट बेचने के नाम...

कैथल(जयपाल): 9 अगस्त को कैथल के सिविल लाइन थाने में थानेदार से हुई 1.34 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। वहीं शिकायतकर्ता थानेदार वीरेंद्र सिंह आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते हैं। उनके रिश्तेदारों ने प्लॉट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी की थी।   

बता दें कि कैथल सिविल लाइन थाने में तैनात एएसआई वीरेंद्र सिंह ने कैथल एसपी को शिकायत दी थी की उसके चार रिश्तेदारों ने उसे पंचकूला में प्लॉट बेचने के नाम पर उसके साथ एक करोड़ 34 लाख रुपए की ठगी कर ली थी। इसके बाद अब उनके जानकारी व रिश्तेदारों ने विवाद को निपटने के लिए दोनों पक्षों को पंचायत में बुलाकर उनका आपसी राजीनामा करवा दिया है। जिसमें आरोपी पक्ष की तरफ से शिकायतकर्ता को उसके सभी पैसे वापस कर दिए गए हैं और अब शिकायतकर्ता थानेदार आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करवाना चाहता है।

इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने बताया कि वीरेंद्र कुमार निवासी पेगा ने बताया कि उनके प्लाट को लेकर राधा कृष्ण से विवाद था। उस प्लॉट को बेचने के लिए जिस एनआरआई के नाम प्लॉट था। वह नहीं आया और जिसके कारण वह प्लाट उसके नाम नहीं करवा पाए, लेकिन जो उसका पैसा था वह उन्होंने वापस कर दिया है। अब उनके मन में कोई भी गैर विरोध नहीं है और उन्होंने यह फैसला बिना किसी दबाव के किया है। इसलिए वह अब अपनी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहता है।  

वहीं आरोपी पक्ष की तरफ से जानकारी देते हुए राधा कृष्ण ने बताया कि जो उनका जो वीरेंद्र के साथ प्लॉट का मामला था वह निपट गया है। जो प्लांट उन्होंने वीरेंद्र को देना था। वह प्लाट किसी एनआरआई के नाम था। वह विदेश में है और उसकी घरवाली का अभी ऑपरेशन हुआ है। जिस वजह से वह प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए भारत नहीं आ पाया। जिस वजह से वह वीरेंद्र के नाम वह प्लॉट नहीं करवा सके। इसलिए अब उन्होंने एनआरआई का प्लॉट अपने पास रख लिया है और वीरेंद्र के पैसे वापस कर दिए हैं। हमारे बीच अब कोई भी मनमुटाव नहीं है। जो यह विवाद हुआ वह आप सी गलतफहमी की वजह से हुआ इसमें किसी का भी कोई कसूर नहीं है। वहीं इस बारे में जब सिविल थाना प्रभारी राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस विषय में अभी तक दोनों पक्षों की तरफ से कोई भी पक्ष उनसे मिलने नहीं पहुंचा है। इस मामले में उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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