Edited By Saurabh Pal, Updated: 07 Nov, 2024 09:13 PM
गोहाना के गांव कोहला में तेल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम आंदोलनकारी किसानों और प्रशासन में सकारात्मक बातचीत के बाद धरना 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया है।
गोहाना (सुनील जिंदल) : गोहाना के गांव कोहला में तेल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम आंदोलनकारी किसानों और प्रशासन में सकारात्मक बातचीत के बाद धरना 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को शहर के लघु सचिवालय में किसान नेताओं की टीम और एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय के मध्य हुई बैठक में हुआ। किसानों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। उन्होंने पाइप लाइन दबाने का काम रुकवाने के फैसले का स्वागत किया है।
पिछले 3 महीने से चल रहा था किसानों का धरना
वहीं गोहाना के गांव कोहला में पिछले 3 महीने से किसान धरना चल रहा है। 2 दिन से पुलिस और किसानों के बीच काफी तनातनी का माहौल बना हुआ था। पुलिस की मौजूदगी में तेल कंपनी पाइप लाइन बिछाने काम शुरू किया तो किसानों ने इसका पुरजोर विरोध किया। पुलिस ने 2 दिन लगातार किसानों को हिरासत में लिया। जिसमें बड़ी संख्या में महिला किसानों को गिरफ्तार किया गया। आज प्रदेश भर के हरियाणा के संयुक्त किसान मोर्चा के किसान संगठन नेता गांव कोहला में पहुंचकर किसान पंचायत में भाग लिया। इस किसान पंचायत में सभी किसान नेताओं ने तेल कंपनी और पुलिस की तानाशाही का विरोध किया। दिनभर चली पंचायत के बाद स्थानीय प्रशासन के बीच सकारात्मक बातचीत के बाद 15 नवंबर तक बंद कर दिया गया है
भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पाइप लाइन बिछाने का काम किया था शुरू
बता दें कि गोहाना के गांव कोहला के खेतों में न्यू मुद्रा गुजरात से पानीपत रिफाइनरी तक पाइप लाइन को बिछाने का काम किया जा रहा है। जमीन के मुआवजे को किसान अपर्याप्त बता रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि सरकार मुआवजे को लेकर भेदभाव कर रही है। पानीपत के किसानों को अपेक्षाकृत ज्यादा दरों से मुआवजा दिया गया है। इस के विरोध किसान 6 अगस्त से कोहला गांव में धरने पर बैठे हुए हैं। मंगलवार को प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल को साथ गांव कोहला में तेल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करा दिया था। किसानों ने काम करने पर विरोध किया तो 24 किसानों को हिरासत में लेने के कुछ घंटे बाद छोड़ दिया था। बुधवार को भी 42 किसानों को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया था।
गुरुवार को किसान नेताओं ने गांव कोहला में पंचायत बुलाने का निर्णय लिया था। गुरुवार को लघु सचिवालय में प्रशासन और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई। बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह, किसान कामगार अधिकार मोर्चा के संयोजक सतेंद्र लोहचब, भारतीय किसान यूनियन के युवा के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद समेत कई नेता पहुंचे। किसानों ने आई.ए.एस. अधिकारी और एस.डी.एम. अंजलि श्रोत्रिय से बातचीत की।
इस लंबी बातचीत में किसानों को आश्वस्त किया गया कि सरकार से उनकी मांगों को ले कर बातचीत की जाएगी तथा समाधान करवा दिया जाएगा। इस के लिए किसानों ने सात दिन का समय देने को तैयार हो गए। इस पर प्रशासन ने 15 नवंबर तक पाइप लाइन दबाने का काम बंद करने का निर्णय किया। साथ में कोहला गांव के धरना स्थल से प्रशासन पुलिस को भी हटा लेगा। किसान नेताओं ने कहा यह धरना अभी जारी रहेगा जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती।
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