Edited By Isha, Updated: 11 Apr, 2025 03:47 PM

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष तय कर दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अपने नियमों में किए गए उस प्रविधान को संशोधित करे,
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष तय कर दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अपने नियमों में किए गए उस प्रविधान को संशोधित करे, जो छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को भी कक्षा एक में प्रवेश की अनुमति देता है।
जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने स्पष्ट किया कि हरियाणा राइट टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन रूल्स, 2011 का वह परविधान, जिसमें पांच से छह वर्ष की आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देने की अनुमति दी गई थी, वह 2009 के राइट टू एजुकेशन एक्ट और 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विपरीत है।
पांच वर्ष के बच्चों को अनुमति देना कानून की भावना के खिलाफ
कोर्ट ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 दोनों ही स्पष्ट रूप से यह तय करते हैं कि कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष होनी चाहिए। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 2011 में जो नियम बनाए, जिसमें पांच वर्ष के बच्चों को भी प्रवेश की अनुमति दे दी, जो मूल कानून की भावना के खिलाफ है।
इस याचिका में यह मुद्दा उठाया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 2011 के नियमों में तय आयु सीमा, केंद्र सरकार के कानून और नीति के खिलाफ है। कोर्ट ने माना कि कम उम्र के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देना, मूल अधिनियम की व्यवस्था का उल्लंघन है।
जस्टिस सेठी ने यह भी कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं है जिससे यह स्पष्ट हो कि राज्य सरकार ने 2011 के नियम बनाते समय क्यों अलग उम्र सीमा तय की। उन्होंने टिप्पणी की कि जब 2023 में राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने का निर्णय लिया था, तभी उसे 2011 के नियमों में संशोधन कर देना चाहिए था।