Sonipat: 2 दिन की राहत के बाद प्रदूषण फिर उफान पर, ए.क्यू.आई. पहुंचा 333

Edited By Manisha rana, Updated: 24 Nov, 2024 07:49 AM

after 2 days of relief pollution is on the rise again aqi reached 333

शहरवासियों को 2 दिन की मामूली राहत के बाद फिर से प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है।

सोनीपत : शहरवासियों को 2 दिन की मामूली राहत के बाद फिर से प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है। हवा की गुणवत्ता सूचकांक यानी ए.क्यू.आई. शनिवार को 333 के स्तर पर पहुंच गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ गए हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए प्रदूषण बेहद नुक्सानदायक है। 

वहीं प्रदूषण का एक बड़ा कारण कूड़े-कचरे का खुले में जलाया जाना है। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस पर प्रतिबंध के बावजूद कई जगहों पर कूड़ा जलाने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहे हैं। शहर के कई इलाकों में धुएं की चादर बिछी हुई नजर आ रही है, जो वातावरण में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ा रही है। 

प्रशासन का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। डी.सी. ने कूड़ा जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और औद्योगिक क्षेत्रों में निरीक्षण तेज करने की बात कही है। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आम जनता से अपील की है कि वे कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियों से बचें और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें। औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों की अनदेखी भी स्थिति को बदतर बना रही है। कई फैक्ट्रियां धुएं को सीधे वातावरण में छोड़ रही हैं, जिससे न केवल वायु प्रदूषण बल्कि जल प्रदूषण भी बढ़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। 

न्यूनतम तापमान में हुई वृद्धि
शनिवार को जिले के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ौतरी दर्ज की गई है। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 28.7 और न्यूनतम 11.0 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया है। एक दिन पहले जिले का अधिकतम तापमान 26.7 और न्यूनतम 10.2 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया था। 

तेजी से बढ़ रहे मरीज, अस्पतालों में लगी कतारें 
ए.क्यू.आई. 333 के स्तर पर पहुंचने का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस स्तर की वायु गुणवत्ता सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा के अटैक, और फेफड़ों की अन्य बीमारियों को बढ़ावा देती है। डॉक्टरों ने खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं, नागरिक अस्पताल में मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। ओ.पी.डी. 1800 से ज्यादा तक पहुंच गई है। 

प्रदूषण पर नकेल के लि लोगों का जागरूक होना जरूरी 
प्रदूषण को काबू में लाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने और उद्योगों पर सख्त निगरानी रखने से इस समस्या से निपटा जा सकता है। साथ ही आम लोगों को भी जागरूक होना होगा। 

अभी 3-4 दिन राहत के आसार नहीं 
प्रदूषण से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम एवं पृथ्वी वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल हवाओं की दिशा उत्तर-पश्चिम ही रहेगी। वहीं हवा की गति भी अभी ज्यादा बढ़ने का अनुमान नहीं है, जिससे प्रदूषण छंटने की कम उम्मीद है। पिछले 2 दिनों से हालांकि ए.क्यू.आई. कम हो चला था और यह 250 से नीचे खिसकने लगा था, लेकिन शनिवार को अचानक बढ़े प्रदूषण के कारण ए.क्यू.आई. 333 पर पहुंच गया। 

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