Edited By Isha, Updated: 20 Feb, 2025 08:21 AM
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हरियाणा में इस बार सरसों की सरकारी खरीद 15 दिन पहले शुरू होगी। तापमान में वृद्धि के कारण फसल जल्दी पकने से सरकार ने 28 मार्च के बजाय 15 मार्च से ही खरीद शुरू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री
चंडीगढ़: हरियाणा में इस बार सरसों की सरकारी खरीद 15 दिन पहले शुरू होगी। तापमान में वृद्धि के कारण फसल जल्दी पकने से सरकार ने 28 मार्च के बजाय 15 मार्च से ही खरीद शुरू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई रबी सीजन-2025 की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इससे पहले, मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मिलकर 28 फरवरी से खरीद शुरू करने की मांग की थी। चढ़ूनी ने दावा किया कि सरकार 28 फरवरी से खरीद के लिए राजी हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक में 15 मार्च से खरीद शुरू करने पर मुहर लगी। प्रदेश में 108 मंडियों में सरसों की खरीद होगी। सरकार इसे 5,950 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर हरियाणा में 17 से 20 लाख एकड़ में सरसों उगाई जाती है, लेकिन रबी सीजन 2024-25 में 21.08 लाख एकड़ में इसकी बुवाई हुई। इस बार करीब 15.59 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है।
सरकार ने ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकरण को अनिवार्य किया है।सरसों की खरीद हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम के माध्यम से होगी। बैठक में कृषि विभाग, विपणन बोर्ड, खाद्य आपूर्ति और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मुलाकात के दौरान भाकियू ने किसान आंदोलन से जुड़े केस वापस लेने की मांग उठाई। 2017 में उत्तराखंड की इकबालपुर शुगर मिल में बकाया 35 करोड़ रुपये दिलाने का आश्वासन भी दिया गया। भाकियू ने 2016-17 और 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान दर्ज 49 केसों की सूची सौंपी।