Edited By Isha, Updated: 15 May, 2025 09:33 AM

पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच छिड़े विवाद के बीच अब हरियाणा के 10 जिलों में जल संकट खड़ा हो गया है। आलम यह है कि राज्य के 51 जलघरों में पूरी तरह से पानी सूख गया है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव सिरसा
चंडीगढ़: पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच छिड़े विवाद के बीच अब हरियाणा के 10 जिलों में जल संकट खड़ा हो गया है। आलम यह है कि राज्य के 51 जलघरों में पूरी तरह से पानी सूख गया है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी सहित दक्षिण हरियाणा के कई शहरों पर पड़ा है। जलघरों में पानी खत्म होने से जन स्वास्थ्य विभाग की राशनिंग व्यवस्था भी कमजोर पड़ गई है। हालांकि अब ऐसे स्थानों पर ट्यूबवैल के जरिए पानी सप्लाई की व्यवस्था की जा रही है।

मौजूदा समय में इन जिलों के शहरी इलाकों में एक समय पानी दिया जा रहा है तो गांवों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई हो रही है। शहरों में अब टैंगगकर का पानी ही लोगों की प्यास बुझाने के काम आ रहा है। विभाग ने पानी की राशनिंग सिस्टम तो शुरू किया है और शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग समयावधि तय की गई है लेकिन नहरी पानी कम होने से राज्य के 51 जलघरों से अब पानी गायब हो गया है।
पानी का फ्लो हुआ कम, 150 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने में छूटे पसीने
पानी संकट के दृष्टिगत विभाग की ओर से वाटर सप्लाई एंड डिमांड असैस्मैंट तहत यह कहा गया है कि प्रति व्यक्ति के हिसाब से जरूरी पानी की आवश्यकता को देखते हुए 150 लीटर का मानक तय कर अधिकारियों को प्लानिंग करनी होगी।
इसके साथ ही शहर की वर्तमान क्षमता का भी आंकलन किया जाएगा। नहरी पानी की बंदी अवधि दौरान ट्यूबवैल और टैंकरों जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहकर काम करना होगा लेकिन उस मानक को पूरा करने में विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि नहरी पानी का फ्लो कम हो गया है। हालांकि विभाग की ओर से पंपसैट के जरिए जलघरों में पानी छोड़ा जा रहा है पर उससे पानी की उपलब्धता पूरी नहीं हो पा रही है।

पंजाब सरकार की ओछी राजनीति से हरियाणा में बढ़ा जल संकट : गंगवा
जन स्वास्थ्य मंत्री रणवीर गंगवा ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पानी को लेकर ओछी राजनीति कर रही है। हर साल मई महीने में बी.बी.एम.बी. की ओर से पानी का बंटवारा किया जाता है। पंजाब सरकार ने पानी की उपलब्धता के बावजूद हरियाणा के हिस्से में आधे पानी की कटौती की है जबकि पिछले कई साल से हरियाणा को 9 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी भी मिला है। गंगवा ने कहा कि गर्मी में ज्यादा पानी चाहिए इसलिए उनकी ओर से अगले 3 महीने में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए अधिकारियों को योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।