Edited By Isha, Updated: 15 May, 2025 11:04 AM

हरियाणा 112 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) ने अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया दक्षता में उल्लेखनीय प्रगति की है। अप्रैल 2025 के हालिया प्रदर्शन अपडेट में यह बात सामने आई है।
चंडीगढ़: हरियाणा 112 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) ने अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया दक्षता में उल्लेखनीय प्रगति की है। अप्रैल 2025 के हालिया प्रदर्शन अपडेट में यह बात सामने आई है। लॉन्च होने के बाद से, इस सिस्टम ने 2.31 करोड़ से अधिक कॉल अटेंड कीं और प्रदेशभर में आपात स्थितियों से निपटने के लिए 46.60 लाख वाहन भेजे गए। यह जानकारी आज यहां मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में 112 ईआरएसएस की राज्य अधिकार-प्राप्त समिति (एसईसी) की 13वीं बैठक के दौरान दी गई।
मुख्य सचिव ने बताया कि इन आंकड़ों से सेवा उपयोग में लगातार वृद्धि और बेहतर रेस्पॉन्स टाइम का पता चलता है। अकेले अप्रैल 2025 में ही 6,06,039 कॉल अटेंड की गईं, जबकि अप्रैल 2024 में 5,35,111 और अप्रैल 2022 में 4,68,359 कॉल अटेंड की गई थीं। इस दौरान डिस्पैच रेट में भी लगातार वृद्धि देखी गई है। अप्रैल 2025 में अटेंड की गईं 30 प्रतिशत कॉल के परिणामस्वरूप वाहन तैनाती हुई, जबकि 2024 में यह 24 प्रतिशत और 2022 में 17 प्रतिशत रही।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि विभिन्न सेवाओं में रेस्पॉन्स टाइम में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। पुलिस रेस्पॉन्स टाइम अप्रैल 2022 के 12 मिनट 4 सेकंड से घटकर अप्रैल 2025 में केवल 7 मिनट 3 सेकंड रह गया। मेडिकल इमरजेंसी रेस्पॉन्स टाइम 2022 के 25 मिनट 44 सेकंड से बढ़कर 2025 में 12 मिनट 50 सेकंड रह गया। अप्रैल 2025 में अग्निशमन सेवा का रेस्पॉन्स टाइम 32 मिनट 50 सेकंड रहा, जो पिछले वर्षों के मुकाबले स्थिर रहा।
उन्होंने बताया कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर 108 आपातकालीन हेल्पलाइन प्रणाली का राज्यव्यापी एकीकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। एकीकरण प्रक्रिया के तहत प्रदेष के हर जिले में पांच आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन (ईआरवी) तैनात किए गए हैं, जिससे आपातकालीन सेवाओं की क्षमता और पहुंच बढ़ी है। इसके अतिरिक्त, सभी 575 एम्बुलेंस के साथ 108 हेल्पलाइन का पूर्ण एकीकरण नवंबर 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस एकीकरण का उद्देश्य कुशल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, ताकि प्रदेशभर में त्वरित और अधिक समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने प्रदेष के सभी जिलों में अस्पतालों की मैपिंग करने की आवश्यकता जताई ताकि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कम से कम समय में चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई जा सके।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा ने यात्रा के दौरान महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवंबर 2023 में ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस (टीएमएस) शुरू की थी। यह सेवा महिलाओं को राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (एसईआरसी) में दो समर्पित डेस्क के साथ व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी लाइव लोकेशन स्थान साझा करने की अनुमति देती है। इसके माध्यम से 300 से अधिक यात्राओं को सफलतापूर्वक ट्रैक किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, राज्य ने लगभग 94,000 कामकाजी महिलाओं और छात्राओं का एक सत्यापित डेटाबेस बनाया है, जो आपात स्थिति के दौरान त्वरित पहचान और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में मदद करता है। इसके अलावा, 87,000 से अधिक पंजीकृत ऑटो-रिक्शा का डेटाबेस भी सिस्टम में एकीकृत किया गया है ताकि इन वाहनों से जुड़ी घटनाओं के दौरान रेस्पॉन्स टाइम में सुधार हो सके।
साइबर अपराध बुनियादी ढांचे की भी समीक्षा की
डॉ. मिश्रा ने बताया कि बैठक में हरियाणा के समर्पित साइबर अपराध बुनियादी ढांचे की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि पंचकूला में एसईआरसी में 54 साइबर क्राइम रिपोर्टिंग टर्मिनल और प्रमुख बैंकों के 16 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। इस व्यवस्था से साइबर धोखाधड़ी के मामलों में प्रतिक्रिया में उल्लेखनीय तेजी आई है। अकेले 2024 में, साइबर हेल्पलाइन पर 7.25 लाख कॉल प्राप्त हुईं और धोखाधड़ी की रिपोर्ट से जुड़े 980 करोड़ रुपये में से 268.40 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक बचाए गए। ऐसे मामलों में रिकवरी दर 27 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।