करोड़ों से बना अंडरपास वर्षों से बंद, जनता पूछ रही सवाल, आखिर किसके लिए हुआ निर्माण ?

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 27 May, 2025 07:41 PM

the underpass built with crores of rupees

गुरुग्राम का राजीव चैक जो गुरुग्राम सिटी को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली जयपुर एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम शहर को जोड़ने वाला मुख्य चैक है।

गुड़गांव ब्यूरो : गुरुग्राम का राजीव चैक जो गुरुग्राम सिटी को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली जयपुर एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम शहर को जोड़ने वाला मुख्य चैक है। इस चैक पर वहां बना करोड़ों की लागत का अंडरपास आज भी जनता के लिए बंद है। उद्घाटन के कई साल गुजर चुके हैं, लेकिन इस अंडरपास का न तो पैदल यात्रियों और न ही दुपहिया वाहनों के लिए कोई उपयोग हो रहा है। इससे न केवल क्षेत्र की जनता में नाराजगी है, बल्कि वे प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी से सवाल भी पूछ रहे हैं कि जब यह अंडरपास काम ही नहीं आ रहा, तो आखिर करोड़ों रुपये बर्बाद क्यों किए गए।

 


करोड़ों की लागत, जनता को कोई लाभ नहीं:
स्थानीय लोगों के अनुसार इस अंडरपास के निर्माण पर नेशनल हाईवे ने करोड़ों रुपये खर्च किए थे। उद्देश्य था कि राजीव चैक पर लगने वाले जाम से राहत मिल सके और आसपास के इलाकों के लोगों के लिए पैदल व दुपहिया चालकों के लिए सुरक्षित मार्ग का बेहतर कनेक्शन हो। लेकिन हकीकत यह है कि उद्घाटन के बाद से ही यह अंडरपास बंद पड़ा है। न तो यहां से लोग पैदल आ-जा सकते हैं और न ही दुपहिया वाहन, बल्कि बरसात में जलभराव के बाद कई मौत का कारण बना चूका है। कई बार लोगों ने स्थानीय प्रशासन और जीएमडीए को इस तरफ ध्यान दिलाया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 


जनता की समस्याएं:
रोजाना हजारों वाहन राजीव चैक से गुजरते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम अब आम बात हो गई है। बादशाहपुर हंस एन्क्लेव और नाहरपुर से गुरुग्राम सिटी की तरफ जाने वाले लोगों को कई किलोमीटर का पैदल चक्कर काटना पड़ता है, जबकि अंडरपास का सही उपयोग हो तो सफर आसान हो सकता है। पैदल यात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई लोगों का कहना है कि अगर अंडरपास खोल भी दिया जाए तो उसकी सुरक्षा और सफाई पर भी विशेष ध्यान देना होगा।

 


जनता की राय और सुझाव:
स्थानीय निवासी कहते हैं यह अंडरपास करोड़ों की बर्बादी है। जब इसका कोई उपयोग नहीं हो रहा, तो या तो इसे आम जनता के लिए खोल दो या फिर इसको हटाकर सड़क को चैड़ा कर दिया जाए। कम से कम जाम से तो राहत मिलेगी। एक महिला ने बताया कि वह रोजाना इसी मार्ग से गुजरती हैं, कहती हैं, प्रशासन को चाहिए कि लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दे। इस तरह के प्रोजेक्ट अगर जनता के काम नहीं आ सकते, तो इनका कोई औचित्य नहीं है।

 


प्रशासन को सुझाव:
लोगों ने जीएमडीए और नेशनल हाईवे अथॉरिटी से मांग की है कि इस अंडरपास के उपयोग पर तुरंत संज्ञान लें। यदि यह तकनीकी कारणों से खोलना संभव नहीं है, तो अंडरपास को समाप्त कर सड़क को चैड़ा किया जाए। इससे राजीव चैक और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सकता है। साथ ही, भविष्य में इस तरह के प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले जनहित और जरूरतों का गंभीरता से आंकलन किया जाए।
 

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