Edited By Isha, Updated: 28 May, 2025 01:07 PM

हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक में अवैध गर्भपात पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। इसमें बताया गया कि 20 मई से 26 मई
चंडीगढ़: हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक में अवैध गर्भपात पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। इसमें बताया गया कि 20 मई से 26 मई के बीच राज्यभर में अवैध रूप से बेची जा रही 1787 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट जब्त और छह एफआईआर दर्ज की गईं। तीन दुकानों को अवैध गतिविधियों के चलते सील किया गया। हरियाणा में एमटीपी किट बेचने वाले थोक विक्रेताओं की संख्या एक महीने में 32 से घटाकर छह रह गई है। तीन मामलों में एमटीपी किट की अधिक कीमत वसूलने पर दो 2 फर्मों को नोटिस जारी किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने फरीदाबाद, सोनीपत और नूंह जिलों की पीओ (आईसीडीएस)/सीडीपीओ को निर्देशों के पालन में लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इन जिलों में गर्भवती महिलाओं को परामर्श देने के लिए आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सहेली के रूप में नियुक्त नहीं किया गया था।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने अवैध गर्भपात में लिप्त बीएएमएस डॉक्टरों और झोलाछाप चिकित्सकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को जवाबदेह बनाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में कोई भी अवैध गर्भपात न हो। अधिकारियों को राज्यभर में संचालित आईवीएफ केंद्रों के पंजीकरण डाटा पुनः सत्यापित करने और उनके कार्यों की कड़ी निगरानी करने के निर्देश भी दिए गए। गांवों और झुग्गी क्षेत्रों में जन्म पंजीकरण शिविर लगाने को कहा गया।