Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 17 May, 2025 06:50 PM

आज के तेजी से बदलते दौर में जहां एक ही क्षेत्र में विशेषज्ञता पर्याप्त नहीं मानी जाती, वहीं मल्टीटास्किंग यानी बहुआयामी दक्षता समय की सबसे बड़ी मांग बन चुकी है।
गुड़गांव ब्यूरो :आज के तेजी से बदलते दौर में जहां एक ही क्षेत्र में विशेषज्ञता पर्याप्त नहीं मानी जाती, वहीं मल्टीटास्किंग यानी बहुआयामी दक्षता समय की सबसे बड़ी मांग बन चुकी है। इस दिशा में मीडिया डिजाइन क्षेत्र के युवा और प्रतिभाशाली प्रोफेशनल तरुण शर्मा ने एक नई मिसाल पेश की है।
करीब दो दशक पहले तरुण शर्मा ने डिजाइनिंग और मार्केटिंग क्षेत्र में कदम रखा। साथ ही उन्होंने कंटेंट क्रिएशन, ब्रांडिंग, डिजिटल मार्केटिंग और यूजर एक्सपीरियंस डिजाइन जैसे विविध क्षेत्रों में भी खुद को समय के साथ साबित किया है। उनके काम में तकनीक और रचनात्मकता का जो अद्भुत मेल देखने को मिलता है, उसके कारण आज वे देश ही नहीं, विदेशों की कई कंपिनयों को डिजाइनिंग, कंटेट और प्रोफाइलिंग की सेवाएं दे रहे हैं। वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।
बीते दशक से मीडिया डिजाइन के निदेशक तरुण शर्मा एक ऐसे प्रोफेशनल हैं, जो न केवल ग्राफिक डिजाइन में पारंगत हैं, बल्कि वीडियो एडिटिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग और सोशल मीडिया स्ट्रैटजी में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कई नामी-गिरामी कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर ब्रांड की डिजिटल उपस्थिति को मजबूत किया है।
श्री तरुण शर्मा का मानना है कि आज केवल एक स्किल में दक्ष होना काफी नहीं है। उनका कहना है कि मौजूदा दौर में यदि आपको अपनी पहचान बनानी है, तो तकनीकी कौशल के साथ-साथ रचनात्मक और रणनीतिक सोच भी जरूरी है। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। समय के साथ आपको हर काम में अपने को ढालना होता है।
उनकी इस सोच ने उन्हें एक क्रिएटिव लीडर के रूप में स्थापित किया है, जो डिजाइन को केवल सौंदर्य तक सीमित न रखकर उसे एक प्रभावशाली संवाद माध्यम बनाते हैं।
उनकी कार्यशैली, नवीन विचार और सीखने की निरंतरता उन्हें मल्टीटास्किंग प्रोफेशनल्स की नई पीढ़ी का रोल मॉडल बनाती है। वे लगातार कार्यशालाओं और वेबिनार के माध्यम से युवा डिज़ाइनर्स को प्रेरित कर रहे हैं। तरुण शर्मा जैसे प्रोफेशनल यह साबित कर रहे हैं कि अगर आपके पास सीखने का जज्बा हो और आप अपने हुनर को लगातार निखारते रहें, तो मल्टीटास्किंग बनना कोई चुनौती नहीं, बल्कि एक अवसर है। आज का युग उन्हीं का है जो सीमाओं को पार करके खुद को हर भूमिका में साबित कर सकें।