Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 22 Jun, 2024 01:39 PM
ज्योतिषी रितु सिंह की अगली पुस्तक रत्न ग्रंथ अनेक अद्भुत रत्नों के बारे में रहस्यमई जानकारियां उजागर करेगी. रितु सिंह ने कहा कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक रत्न का कुंडली में किसी विशेष ग्रह, राशि या घर से एक विशिष्ट संबंध होता है,
भारत की प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. रितु सिंह (Astrologer Ritu Singh) अपनी सटीक भविष्यवाणियों, ज्योतिषी गणना एवं अनेक पुस्तकों के लेखन के लिए जानी जाती है. वह अपने ज्योतिषी दौरे पर पहुंची. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने अगली पुस्तक रत्न ग्रंथ के बारे में बताया जो कि अगले महीने प्रकाशित होने वाली है. पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंसान के जीवन में ग्रह नक्षत्र शुभ या अशुभ रूप से प्रभावित करते हैं, इसी प्रकार रत्न भी हमारे जीवन में काफी महत्व रखते हैं।
ज्योतिषी रितु सिंह की अगली पुस्तक रत्न ग्रंथ अनेक अद्भुत रत्नों के बारे में रहस्यमई जानकारियां उजागर करेगी. रितु सिंह ने कहा कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक रत्न का कुंडली में किसी विशेष ग्रह, राशि या घर से एक विशिष्ट संबंध होता है, और इसे पहनने वाले व्यक्ति की ऊर्जा और भाग्य को प्रभावित कर सकता है. ज्योतिष में रत्नों का महत्व संबंधित ग्रह की ऊर्जा के साथ प्रतिध्वनित करने और परिणामों को परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। ज्योतिष में प्रत्येक खगोलीय पिंड की मानव जीवन पर अलग-अलग विशेषताएं और प्रभाव होते हैं. किसी लाभकारी ग्रह के अनुरूप रत्न पहनने से उसके सकारात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं, जिससे आपके जीवन में अधिक अवसर और आशीर्वाद आकर्षित हो सकते हैं. इसके विपरीत, अशुभ ग्रहों के रत्न धारण करने से उनके प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि ऋतु सिंह भारत की प्रसिद्ध एस्ट्रोलॉजर हैं. उनकी बहुत सारी भविष्यवाणियां समय-समय पर सटीक परिणाम के साथ सिद्ध हुई हैं. इन भविष्यवाणियों में भारत के कई बड़े राजनेता जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालू प्रसाद यादव जैसे नाम भी शामिल है. बॉलीवुड जगत में भी उनकी भविष्यवाणियां सत्य साबित हुई हैं जिनमें अमिताभ बच्चन, सलमान खान, गोविंदा जैसे बड़े कलाकार भी शामिल है।
कुछ समय पहले उनकी पुस्तक "सात अनाश्य हैं ब्रह्माण्ड के अंत तक" प्रिंट कॉपी के साथ-साथ Amazon Kindle और गूगल बुक्स पर रिलीज हुई थी। यह पुस्तक 7 अंक और इसकी महत्वता पर आधारित थी. यह पुस्तक न केवल भारत बल्कि दुबई, श्रीलंका, थाईलैंड जैसे देशों में भी काफी संख्या में बिकी।