सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लगभग दो दर्जन नेताओं ने दिया इस्तीफा

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 30 May, 2024 04:02 PM

nearly two dozen leaders resign from sbsp

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लगभग दो दर्जन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर सुभासपा सुप्रीमों ओमप्रकाश राजभर की टेंशन बढ़ा दी है।आज एक पत्रकार वार्ता करके सभी पार्टी पदाधिकारियों ने महेंद्र राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का दामन...

गुड़गांव, ब्यूरो : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से लगभग दो दर्जन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर सुभासपा सुप्रीमों ओमप्रकाश राजभर की टेंशन बढ़ा दी है। आज एक पत्रकार वार्ता करके सभी पार्टी पदाधिकारियों ने महेंद्र राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का दामन थाम लिया है। 

 

 

ओमप्रकाश एवं उनके बेटों की ग़लत नीतियों से ऊबकर कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा

इस संबंध में बात करते हुए सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर ने बताया कि ओमप्रकाश राजभर एवं उनके बेटों की गलत नीतियों से‌ ऊबकर इन्होंने सुभासपा से इस्तीफा दिया है। महेंद्र राजभर ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा में नेतागिरी करते हैं वह नेतागिरी नहीं करते बल्कि मजदूर की हैसियत से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ओमप्रकाश राजभर असली सुहेलदेव महाराज का वंशज होता तो 2022 के गठबंधन में 22 सीट इनको मिली थी लेकिन अपने बाप बेटा तक ही सीमित रहा। एक भी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाने का काम ओमप्रकाश राजभर ने नहीं किया उन्होंने कहा कि 2017 में दो सीट गठबंधन में मिली थी लेकिन उसमें भी उन्होंने सौदेबाजी करने का काम किया । बहुत से कार्यकर्ता उनके दल में केवल खानापूर्ति करने के लिए लोग बचे हैं। जबकि सब लोग उनके आदत और उनके घमंड से ऊब चुके हैं।उत्तर प्रदेश सरकार में जो कैबिनेट मंत्री बने हैं उनको डर लग रहा था कि कहीं भाजपा उनको लटका न दे। ओमप्रकाश राजभर एवं दोनों बेटों को शर्म आनी चाहिए जिन लोगों ने अपनी पूरी जवान उनकी पार्टी में बिता दिया लेकिन जब टिकट देकर सदन भेजने की बारी आई तो दोनों बाप बेटा को पैसा दिखाई दे रहा था। महेंद्र राजभर ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी में जो भी कार्यकर्ता काम कर रहे हैं उनका भी मेरी पार्टी में स्वागत है।ठेठ‌भाषा में कहा कि  मैंने जो खर्चाली ठोका है उसको और मोटा करूंगा बस 2024 का चुनाव बीत जाने दीजिए उनको बहुत दर्द करेगा ।आज दर्जनभर नेताओं को सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी ज्वाइन कराकर सुभाष यादव को राष्ट्रीय प्रवक्ता से भी नवाज रहा हूं। 

 

 

करणी सेना के मंडल अध्यक्ष ने क्षत्रियों का विरोधी बताया 

पार्टी ज्वाइन करने में वालों में करणी सेवा के आजमगढ़ के मंडल अध्यक्ष एवं शुभासपा के मंडल अध्यक्ष प्रभुनाथ सिंह ने कहा कि 2002 से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का पदाधिकारी हूं और अब मैं उनकी पार्टी को छोड़ दिया हूं।ओमप्रकाश राजभर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब ओमप्रकाश राजभर हवाई चप्पल पहनकर पैसेंजर ट्रेन से और ऑटो रिक्शा से चलते थे उस समय हम पार्टी में जुड़े थे। हमलोगों के साथ एक सुरेंद्र सिंह थे जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी लेकिन ओमप्रकाश राजभर कई साल बीत गया आज तक सुरेंद्र सिंह के दरवाजे पर हाल-चाल तक लेने नहीं पहुंचे। ओम प्रकाश राजभर जैसा झूठा कोई नहीं है कभी अपने को गब्बर बताता है तो अभी अपने को सबसे बड़ा गुंडा बनता है, कभी अपने को सबसे बड़ा धनवान बनता है। ओमप्रकाश राजभर सबसे बड़ा फ्राड और सबसे झूठा तथा सबसे निकम्मा नेता है।  राजभर समाज को संबोधित करते हुए कहा कि राजभर भाइयों यदि तुमको जिंदाबाद बोलना है तो बनारस के ठग का जिंदाबाद मत बोलो महेंद्र राजभर को जिंदाबाद बोलो महेंद्र राजभर को लखनऊ और दिल्ली भेजने का काम करो उन्होंने कहा कि मैं राजपूत करणी सेवा का मंडल अध्यक्ष हूं और मैं राजपूत समाज से निवेदन करता हूं कि तुम्हारा ओमप्रकाश राजभर कभी नहीं होगा और क्षत्रिय समाज कभी ओमप्रकाश राजभर को बर्दाश्त नहीं करेगा ओमप्रकाश राजभर राजा भैया को कह रहा है कि राजा भैया हमारे पीछे घूमते हैं।इस संबंध में कहना है कि तुम अखिलेश यादव और एवं योगी जी की कृपा से दो-तीन फॉर्चूनर लेकर घूम रहे हो और राजा भैया का अपना खुद का हेलीकॉप्टर है।जो बनारस दिल्ली लखनऊ कहीं चले जाएंगे तुम्हारे औकात नहीं है कि तुम राजा भैया का टक्कर लोगे राजा भैया को अपमानित करने का काम करोगे क्या तो मैं जेल जाने से नहीं डरूंगा और तुम्हारा बहुत बुरा हस्र करूंगा। भाजपा भी ठाकुरों को गाली दिलवा कर दलितों और पिछड़ों की हितैषी बनना चाह रही है वह संदेश देना चाह रही है कि हम दलितों और पिछड़ों के खास हैं। 

 

 

 *ओमप्रकाश राजभर ने कहा सिर्फ अपने और अपने बेटों को स्थापित करना चाहते हैं-सुभासपा पूर्व प्रवक्ता सुभाष यादव*

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए  सुभासपा के पूर्व प्रवक्ता सुभाष यादव ने कहा कि मैं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर कार्यरत था पार्टी के प्रवक्ता पर से चार दिन पहले इस्तीफा दे दिया था। कुछ पत्रकार साथियों को व्हाट्सएप मैसेज भी आया कि सुभाष यादव ने पहले ही पार्टी छोड़ दी है उसके संबंध में कहना चाहता हूं कि सत्ता में आने के बाद जिस प्रकार ओमप्रकाश राजभर एवं उनके बेटों ने मीडिया पर दबाव बना रहे हैं कि अरुण राजभर की हैसियत क्या है? उनके बाप ओमप्रकाश राजभर का नाम नहीं होता तो उनकी कोई हैसियत नहीं है आज वह मीडिया को डरा रहे हैं कि आप  सुभाष यादव का न्यूज़ मत लगाओ तो मैं लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत करा रहा हूं कि मुझे कोई उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति भी जान रहा है तो मेरी काबिलियत से जान रहा है। अरुण राजभर जी मीडिया पर दबाव बनाने का प्रयास मत करिए मीडिया स्वतंत्र है उन्होंने कहा कि मैं अपनी कहानी भी बताना चाह रहा हूं कि जो भी पार्टी का  परिवार होता है वह घर जैसे होता है मैं 25 तारीख को सुभासपा के प्रत्याशी अरविंद राजभर का प्रचार-प्रसार कर रहा था कि 26 तारीख को मेरे 12 वर्षीय भतीजे का देहांत हो गया। लेकिन इसके पहले कभी भी कोई काम लखनऊ कार्यालय पर पड़ता था ओमप्रकाश राजभर एवं अरविंद राजभर या अरुण राजभर हमको फोन करके बुलाते थे कि सुभाष जी आ जाइए मैं उनके लिए खबर बनाता ड्राफ्टिंग करता था। लेकिन इतनी दुखद घड़ी में उन्होंने मुझे एक फोन करना भी गंवारा नहीं समझा। जो परिवार का मुखिया है आजमगढ़ में एक शादी समारोह में जा सकता है लेकिन वहीं से 20 किलोमीटर दूर मेरे घर पर नहीं आया ओम प्रकाश राजभर ने सिर्फ मेरा एक यादव नेता होने के कारण यादव के खिलाफ ही उन्होंने मेरा इस्तेमाल किया।

 

ओमप्रकाश राजभर जब तक भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं थे तब तक वह भाजपा के नेताओं को लोडर कहते थे आज वह खुद लोडर बन गए हैं और अब दलितों, पिछड़ों की बात कर रहे हैं लेकिन उनका हक लूटकर अपने को आबाद करेंगे एवं अपने बेटे को आबाद करेंगे। अगर चुनाव नहीं रहता तो किसी कीमत पर विच्छेलाल राजभर को एमएलसी नहीं बनाते उनको सिर्फ अपने दोनों बेटों की चिंता है। सुभाष यादव ने कहा कि मैं अपने क्षत्रिय भाइयों से ब्राह्मण भाइयों से हाथ जोड़कर निवेदन करूंगा कि ब्राह्मण सदैव पूजनीय होता है लेकिन यह ब्राह्मणों को गाली देने का काम करते हैं।वह इसलिए ऐसा करते हैं कि हमारा राजभर समाज खुश हो जाए क्या चुनाव जीतने के लिए कोई किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट करता है। अभी कुछ दिन पहले उनके एक जिला अध्यक्ष द्वारा ठाकुरों के मां-बहन की गाली वायरल हुई थी क्या उसपर ओमप्रकाश राजभर ने कोई एक्शन लिया? पार्टी से निकला? यानी कहीं ना कहीं उनका भी मौन समर्थन है। वह सिर्फ ठाकुरों का वोट लेना चाहते हैं, लेकिन उनके मन के अंदर उनके प्रति काला भरा हुआ है। पत्रकारों ने जब सवाल पूछा कि जबतक आप उनके साथ थे तब बुद्धि नहीं काम कर रही थी। ज़बाब में कहा कि सुबह का भूला यदि शाम को घर वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।ठेठ ओमप्रकाश की भाषा में जबाब दिया कि आप ओमप्रकाश राजभर से पूछिएगा की तोहार बुधिया कब खुली? कुछ दिन पहले उन्होंने बोला था कि 69000 शिक्षक भर्ती वाले लात खाने लायक हैं ।तो‌ घोसी की जनता भी उनके लतियाकर  भेजेगी है। पत्रकारों ने सवाल किया कि आप कुछ दिन पहले तो ओमप्रकाश राजभर के बेटे को जीता रहे थे। आज उनके खिलाफ बोल रहे हैं इस संबंध में सुभाष यादव ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ओमप्रकाश राजभर भी योगी को गरिया रहे थे तो क्या योगी जी उनको माफ कर दिए? अभी कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री ने उनको उठक- बैठक कराया था और मोहम्मदाबाद की रैली में योगी जी के चरणों में गिरकर भीख मांग रहे थे कि मुझे सांसद की भीख दे दो। मुझे सांसद बना दीजिए लेकिन योगी की मंच की भाषा से ही साफ दिख रहा था कि वह अभी माफ नहीं किए हैं।आज सुभासपा के दो दर्जन नेताओं के साथ हम लोग महेंद्र राजभर की सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का दामन थाम लिए हैं।और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजीव राय को जिताने का काम करेंगे।

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