Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 15 Jul, 2025 08:32 PM

इक्विटी बाज़ार में उतार-चढ़ाव के बीच, आर्बिट्रेज फंड लोकप्रिय निवेश विकल्प के रूप में उभर रहे हैं, खास तौर पर उन लोगों के बीच जिन्हें निवेश के लिए कम जोखिम वाले अवसर की तलाश है।
गुड़गांव ब्यूरो : इक्विटी बाज़ार में उतार-चढ़ाव के बीच, आर्बिट्रेज फंड लोकप्रिय निवेश विकल्प के रूप में उभर रहे हैं, खास तौर पर उन लोगों के बीच जिन्हें निवेश के लिए कम जोखिम वाले अवसर की तलाश है। नकद और वायदा बाज़ारों के बीच मूल्य के अंतर का लाभ उठाकर, ये फंड उतार-चढ़ाव वाली परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं क्योंकि ऐसे रुझान के बीच फंड प्रबंधकों को महीने के भीतर ट्रेडिंग के अधिक अवसर मिलते हैं।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर, शैलेश जैन ने कहा, मौजूदा परिदृश्य में, आर्बिट्रेज फंड बाज़ार में उतार-चढ़ाव के संभावित लाभ हासिल करने और निवेशकों को प्रत्यक्ष इक्विटी जोखिम से बचाने के लिए विशेष रूप से सक्षम हैं। बेहतर रोल स्प्रेड (नकद-वायदा मूल्य के अंतर से लाभ) और निरंतर अस्थिरता ने आर्बिट्रेज फंडों को उचित रिटर्न प्रदान करने में मदद की है, भले ही पारंपरिक आय स्रोत कम आकर्षक हो गए हों। इक्विटी टैक्स रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए, आर्बिट्रेज फंड उपयुक्त विकल्प हैं। उद्योग के रुझान के अनुरूपटाटा आर्बिट्रेज फंड में भी अप्रैल और जून 2025 के बीच 5,217 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जिसमें गुरुग्राम की भागीदारी 177 करोड़ रुपये रही। 30 जून, 2025 तक फंड के पास 14,274 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति थी।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच आर्बिट्रेज फंडों ने 43,077 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया, जो अन्य हाइब्रिड और इक्विटी श्रेणियों में हुए निवेश से कहीं अधिक है। यह उछाल निवेशकों की उन निवेशों के प्रति पसंद को दर्शाती है जो अत्यधिक अनिश्चितता के दौर में इक्विटी जोखिम को कम करते हुए अपेक्षाकृत उचित रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि, इसमें लाभ की गारंटी नहीं है।