Edited By Isha, Updated: 10 Sep, 2019 02:21 PM
महम से रोहतक के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षारत युवा वर्ग आए दिन जान जोखिम में डालकर बसों में सफर करने को बाध्य हैं। युवाओं को मजबूरी में बसों की खिड़कियों में लटक कर जाने के ..........
महम (प्रीत): महम से रोहतक के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षारत युवा वर्ग आए दिन जान जोखिम में डालकर बसों में सफर करने को बाध्य हैं। युवाओं को मजबूरी में बसों की खिड़कियों में लटक कर जाने के अलावा जाल रहित छत पर सफर करना पड़ता है। ऐसे में किसी समय भी बड़ा हादसा पेश आ सकता है।युवाओं की दुर्दशा से भलीभांति परिचित होने के बाद भी जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी कोई समाधान करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। महम से आए दिन सैंकड़ों युवा शिक्षा ग्रहण करने के लिए रोहतक जाते हैं।
महम से रोहतक से सुबह रोडवेज बस सेवा सीमित मात्रा में है जबकि विद्याॢथयों की संख्या में बेहद ज्यादा हैं, सिरसा, फतेहाबाद व हिसार से दिल्ली के लिए जाने वाली बसें पीछे से ही सवारियों से लबालब भरकर आती हैं। जिससे स्थानीय युवाओं को बस में पैर रखने की जगह तक नहीं मिलती। कई बस चालक को निर्धाारित स्टैंड पर अपनी बसें रोकना भी मुनासिब नहीं समझते। इससे युवाओं की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है।
स्थानीय युवाओं का कहना है कि महम से रोहतक जाने वाले विद्याॢथयों एवं अन्य दैनिक यात्रियों के लिए शहर के उत्तरी व दक्षिणी बाईपास सबसे ज्यादा परेशानी का कारण बने हुए हैं।निजी आप्रेटरों की बसें सीधे नए बाईपास निकल जाती हैं। जबकि रोडवेज की बसें पुराने बस स्टैंड एवं उत्तरी बाईपास नए बस स्टैंड से होकर गुजरती हैं। इससे वह कभी पुराने, तो कभी नए बस स्टैंड क्रांति चौक पर बसों का इंतजार करते रहते हैं। गोहाना मोड़ क्रांति चौक पर आए दिन सुबह सैंकड़ों युवा बसों का इंतजार करते रह जाते हैं।
रोडवेज चालक स्पीड में चौक से बसें गुजारते हैं और मजबूरन छात्र दौड़कर बस पकड़ते हैं। चौक पर कई बार हादसों में छात्र बसों से गिरकर घायल हो चुके हैं। बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। छात्र-युवाओं की अपेक्षा लड़कियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। युवाओं का कहना है कि सरकार युवाओं की समस्याओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है। युवाओं के भविष्य को देखते हुए उचित मात्रा में रोडवेज बसों की व्यवस्था करें।