Edited By Isha, Updated: 19 Sep, 2019 04:01 PM
करीब माहभर पूर्व हुई बरसात के बाद अब फसलें सिंचाई के अभाव में दम तोडऩे लगी हैं। जिससे खरीफ फसल की बम्पर पैदावार के सपने टूट रहे हैं।कृषि विभाग के ए.डी.ओ. मनोज कुमार ने बताया कि कनीना ब्लाक.......
कनीना (विजय): करीब माहभर पूर्व हुई बरसात के बाद अब फसलें सिंचाई के अभाव में दम तोडऩे लगी हैं। जिससे खरीफ फसल की बम्पर पैदावार के सपने टूट रहे हैं।कृषि विभाग के ए.डी.ओ. मनोज कुमार ने बताया कि कनीना ब्लाक में करीब 33,254 हजार हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है जिसमें 8159 हजार हैक्टेयर में कपास तथा 19 हजार हैक्टेयर में बाजरा, 1965 हैक्टेयर में गवार, 450 हैक्टेयर में हरा चारा, 50 हैक्टेयर में मूंग एवं अन्य फसलों की बिजाई की गई है।
सावन माह में बरसात के चलते ये फसल पूरे यौवन पर थी लेकिन अब ये सिंचाई के अभाव में दम तोड़ती दिखाई दे रही हैं।कपास व बाजरे की फसल सूखने को लेकर किसानों के चेहरे पर ङ्क्षचता की लकीरें बढऩे लगी हैं। बीते अगस्त माह में कुछ बारिश हुई थी जिससे फसलों को फायदा हुआ था। फसल बड़ी होने के कारण उसमें ट्यूबवैल से सिंचाई करना कठिन कार्य है तथा बारिश नहीं होने से फसल दम तोड़ती जा रही है।
अधिवक्ता गिरवर लाल शर्मा ने बताया कि खेड़ी, तलवाना, धनौंदा, छितरोली, खरकड़ा बास, गुढ़ा, रसलूपुर, भोजावास, सुंदरह, नांगल के खेतों में फसलें खराब हो रही हैं। छितरोली के किसान सुभाष चंद, रामबास के सत्यवीर सिंह, भोजावास के विनोद कुमार, नांगल के रोशन लाल, केमला के धर्मपाल ने बताया कि बारिश के अभाव में सिंप्रकलर सिस्टम से सिंचाई की जा रही है।
उसके बावजूद भी फसल नष्ट हो रही हैं।किसानों ने सरकार से खराब हो रही फसल की गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजे की मांग की है। कृषि विभाग के ए.डी.ओ. मनोज कुमार ने कहा कि सिंचाई के अभाव में फसलों को नुक्सान हो रहा है। बम्पर फसल की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है।