Edited By Updated: 03 Jan, 2017 01:49 PM

पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले को आज एक साल हो गया है।
अंबाला: पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले को आज एक साल हो गया है। आपको बतां दे कि इस हमले में हरियाणा के अंबाला जिले के रहने वाले 2 जाबांज जवानों ने आतंकवादियों का डट कर सामना किया था। आइए आपको एक बार फिर से उनकी कहानी से रू-ब-रू करवाते है, जिससे आपको देश के जवानों पर गर्व महसूस होगा।
गुरसेवक शादी के डेढ़ महीने बाद हुए थे शहीद
बतां दे कि 2-3 जनवरी 2016 की रात को पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने कब्जा कर लिया था। करीब 80 घंटे चले मुकाबले और सर्च ऑपरेशन में अंबाला के गुरसेवक सिंह समेत 7 जवान शहीद हो गए थे। उनसे डेढ़ माह पहले ही ब्याहकर आई जसप्रीत के हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी थी कि आतंकी हमले में कमांडो पति शहीद हो गया। गुरसेवक सिंह की शादी हुए अभी डेढ़ महीना भर ही हुआ था कि वो उन्होंने शहादत पा ली। 13 अगस्त को गुरसेवक की पत्नी जसप्रीत कौर ने एक बेटी को जन्म दिया और 15 अगस्त 2016 को शहीद गुरसेवक को शौर्य चक्र से नवाजा गया। आज भी उनके परिजन व देश भर के लोग उन पर गर्व महसूस करते है।
गुरसेवक की शहादत के बाद शैलभ ने किया आतंकियों का सामना
शहीद गुरसेवक सिंह ने सबसे पहले आतंकियों का सामना किया। जब गुरसेवक शहीद हो गए, तो शैलभ और कटाल की टीम ने आतंकियों का सामना किया। शैलभ के पेट में आतंकियों की बंदूकों ने बरस रहीं 6 गोलियां एक के बाद एक धंसती गईं, लेकिन उसके कदम नहीं रुके। करीब एक घंटे तक दुश्मनों पर भिड़त रहा। शैलभ के पेट से लगातार तेजी से खून बह रहा था, लेकिन उनके जज्बे में रत्तीभर भी कमी नहीं आई। उसने अपनी पोस्ट नहीं छोड़ी और अपने पार्टनर कटाल के साथ करीब एक घंटे तक आतंकियों पर गोली बरसाते रहे। फिर सैनिकों ने फौरन शैलभ को आर्मी अस्पताल में भर्ती करवाया। 15 दिन आई.सी.यू. में रहने के बाद शैलभ ठीक हो गए थे।
मॉडलिंग का शौक रखता है शैलभ
शैलभ के बड़े भाई वैभव ने बताया कि शैलभ को मॉडलिंग का शौक है। वह अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में मॉडलिंग किया करते थे।