Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 09 Aug, 2025 04:06 PM

रक्षाबंधन पर महिलाओं को तोहफे के रूप में मिली हरियाणा रोडवेज की फ्री सवारी को आज महिलाएं ढूंढती रह गई। हरियाणा रोडवेज की बस नाममात्र के लिए ही दिखाई दी। रोडवेज द्वारा यह बस भी उन रूटों पर लगाई गई जिन पर सवारियों को रोडवेज बस कर्मचारी ढूंढते नजर आए।
गुड़गांव, (ब्यूरो): रक्षाबंधन पर महिलाओं को तोहफे के रूप में मिली हरियाणा रोडवेज की फ्री सवारी को आज महिलाएं ढूंढती रह गई। हरियाणा रोडवेज की बस नाममात्र के लिए ही दिखाई दी। रोडवेज द्वारा यह बस भी उन रूटों पर लगाई गई जिन पर सवारियों को रोडवेज बस कर्मचारी ढूंढते नजर आए। वहीं, त्यौहार का असली फायदा निजी बस संचालकों सहित कैब व ऑटो चालकों ने उठाया। निजी बस सवारियों से खचाखच भरी दिखाई दी जबकि ऑटो, कैब व ई रिक्शा भी सवारियों से खचाखच भरे नजर आए। कुछ ऑटो चालकों और ई रिक्शा चालकों ने आज किराया वसूलने में भी मनमानी दिखाई।
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दरअसल, रक्षाबंधन पर्व पर हरियाणा रोडवेज की तरफ से महिलाओं को निशुल्क यात्रा का तोहफा दिया गया, लेकिन शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बारिश ने आज जहां मौसम सुहाना कर दिया वहीं, जलभराव ने सभी की मुश्किलें बढ़ा दी। सुबह के वक्त बारिश के कारण महिलाएं त्यौहार मनाने अपने भाईयों के पास नहीं जा सकी। बारिश के कारण बस अड्डा परिसर और मुख्य द्वार के बाहर भरे पानी के कारण यात्रियों को बस अड्डे तक जाने में भी परेशानी हुई। हालांकि यह लोग इसी जलभराव के बीच से हाेकर आगे बढ़े।
वहीं, जब दोपहर को बारिश थमने के बाद महिलाएं घर से बाहर निकली तो उन्हें रोडवेज बस नहीं मिली। रोडवेज की जो एक दो बसें बस अड्डे में थी तो वह भी उन स्थानों के लिए थी जहां के लिए नाममात्र की सवारियां जाती हैं। उधर, प्राइवेट बसों ने आज इस मौके का फायदा उठाया और जमकर चांदी कूटी। 55 सीटों वाली बस में 100 से भी ज्यादा सवारियां भरकर यह बस रवाना हुई और इनके द्वारा हर यात्री से पूरा किराया वसूला गया। सबसे ज्यादा भीड़ दिल्ली, बहादुरगढ़, पटौदी, फर्रूखनगर की तरफ जाने वाली बसों के लिए दिखाई दी। वहीं, ऑनलाइन कैब भी लोगों को आज बेहद मुश्किल से मिली। ऑटो चालकों ने भी यात्रियों को उनके गंतव्य तक छोड़ने के लिए मनमाने दाम वसूले।
हैरत की बात यह है कि हर साल हरियाणा रोडवेज की तरफ से महिलाओं को त्यौहार पर निशुल्क यात्रा का तोहफा तो दिया जाता है, लेकिन रोडवेज बसें ही सड़कों से गायब हो जाती हैं। ऐसे में हर बार महिलाओं को परेशान होकर ही खामियाजा भुगतना पड़ता है। विभाग की तरफ से उन रूटों की पहचान कर बसों की संख्या तक नहीं बढ़ाई जाती है जिस तरफ की सवारियां काफी अधिक होती हैं। हर बार दिल्ली की तरफ जाने वाले यात्रियों को प्राइवेट बस, डीटीसी तथा कैब का ही सहारा लेना पड़ता है।