अतीत के झरोखे से: जब 1996 में रणधीर रेढू, 1991 में रामकिशन बैरागी की कटी थी अंतिम क्षणों में टिकट

Edited By Isha, Updated: 19 Oct, 2019 10:08 AM

when randhir redhu ramkishan bairagi was cut in the last minute tickets in 1991

विधानसभा चुनावों के दौरान कई बार पार्टी टिकटों को लेकर अंतिम क्षणों में बहुत बड़े उलटफेर होते रहे हैं। जींद जिले में 1991 और 1996 में ऐसा ही कुछ हुआ जब विधानसभा चुनावों के लिए मिली टिकट अंतिम

जींद (जसमेर): विधानसभा चुनावों के दौरान कई बार पार्टी टिकटों को लेकर अंतिम क्षणों में बहुत बड़े उलटफेर होते रहे हैं। जींद जिले में 1991 और 1996 में ऐसा ही कुछ हुआ जब विधानसभा चुनावों के लिए मिली टिकट अंतिम क्षणों में काट दी गई और दूसरों को टिकट देकर चुनावी दंगल में उतारा गया। इसमें रोचक बात यह है कि अंतिम क्षणों में किसी की टिकट काटकर उसकी जगह जिसे टिकट दी गई वह चुनावी दंगल में विजयी रहा। 

बात 1991 के विधानसभा चुनावों की करें तो कांग्रेस ने सफीदों हलके से पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी को पार्टी की टिकट दी थी। बैरागी ने टिकट मिलने के बाद सफीदों में चुनावी कार्यालय भी खोल दिया था व वोट मांगने निकल पड़े थे लेकिन कांग्रेस ने अंतिम क्षणों में उनकी टिकट काटकर एकदम नए-नवेले बचन सिंह आर्य को प्रत्याशी बना दिया था और आर्य विधायक चुने गए थे। यह सफीदों में कांग्रेस की अंतिम जीत थी। उसके बाद कांग्रेस 2014 तक कोई भी चुनाव नहीं जीत पाई। अपनी टिकट इस तरह कटने का दर्द आज भी पूर्व मंत्री रामकिशन बैरागी को है। उनका कहना है कि टिकट कटने के बाद चुनावी कार्यालय बंद करते समय उनका मन बेहद उदास हो गया था। 

1996 में जींद हलके से हविपा की टिकट पार्टी सुप्रीमो पूर्व सी.एम. चौ. बंसीलाल के नजदीकी रणधीर रेढू को मिल गई थी। रेढू को टिकट दिए जाने से पूर्व केंद्रीय मंत्री और उस समय हविपा में बंसीलाल के बाद दूसरे सबसे बड़े चेहरे जयप्रकाश उर्फ जे.पी. से यह सहन नहीं हुआ और उन्होंने अपने बेहद नजदीकी पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला को टिकट दिलवाने के लिए चौ. बंसीलाल को दिल्ली जाकर खूब खरी-खोटी सुनाई थी। जयप्रकाश ने यहां तक कह दिया था कि रेढू को टिकट मिली तो वह हविपा छोड़ देंगे। उस समय उनको हविपा ने हिसार से लोकसभा की टिकट दी थी। 

जे.पी. के दबाव में चौ. बंसीलाल को रणधीर रेढू को दी गई टिकट को काटकर यह टिकट पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला को देनी पड़ी थी। बाद में सिंगला ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और तत्कालीन वित्त मंत्री मांगेराम गुप्ता को जींद हलके के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी हार देने का काम किया था। बृजमोहन सिंगला बाद में बंसीलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 

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