Edited By vinod kumar, Updated: 05 Dec, 2019 07:04 PM
उपमंडल घरौंडा के गांव ऊंचा समाना के कुंवर वीरेंद्र 28 साल की उम्र में जज बने। वीरेंद्र ने जज की परीक्षा पास कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। शाम को दिल्ली से अपने पैतृक गांव उंचा समाना पहुंचे वीरेन्द्र का ग्रामीणों ने सरपंच निशांत राणा की अगुवाई में...
घरौंडा(विवेक): उपमंडल घरौंडा के गांव ऊंचा समाना के कुंवर वीरेंद्र 28 साल की उम्र में जज बने। वीरेंद्र ने जज की परीक्षा पास कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। शाम को दिल्ली से अपने पैतृक गांव ऊंचा समाना पहुंचे वीरेन्द्र का ग्रामीणों ने सरपंच निशांत राणा की अगुवाई में स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों ने खुशी में मिठाई बांटी व फूल मालाओं से अभिनन्दन किया।
इस मौके पर वीरेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इलैक्ट्रीकल संकाय से बीटेक से ग्रेजुएशन की थी। जिसके बाद उसके दिल में इच्छा हुई की देश के कानून को करीब से जानना है और कुछ लोगों का भला करना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की और बाद में दिल्ली में ही एलएलएम में दाखिला लेकर जज बनने की परीक्षा के लिए मेहनत शुरू की।
दो वर्षों की मेहनत से बिहार की पटना हाईकोर्ट द्वारा ज्यूडिशरी के लिए ली गई परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास हुई और 163 रैंक हासिल किया। अब वह बिहार ज्यूडिशरी में जज के पद पर तैनात होंगे। वह महज 28 वर्ष की आयु में जज बने हैं। वीरेंद्र ने कहा कि उनका लक्ष्य रहेगा कि हर किसी पीड़ित को न्याय मिले और संविधान की पूरी तरह से पालना हो।
जज बनने को लेकर की गई तैयारियों पर बात करते हुए वीरेंद्र ने कहा कि इसके लिए वे प्रतिदिन चौदह घंटे तक पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि मंजिल कोई दूर नहीं होती, बस उसके लिए निरंतर मेहनत की जरूरत होती है। हम सभी को निरंतर अपने लक्ष्य के लिए मेहनत करनी चाहिए तो परमात्मा सफलता देता है। अनेक बार प्रतिस्पर्दाअधिक होने के चलते सफलता नहीं भी मिल पाती, लेकिन उससे निराश नहीं होना चाहिए। बस लगे रहना चाहिए।