Edited By Manisha rana, Updated: 17 May, 2020 04:11 PM
कहते है स्वर्ग और नर्क क्या होता है, इसकी पहचान इंसान को धरती पर ही हो जाती है। ऐसा ही कुछ शनिवार को उस समय देखने को मिला...
पानीपत (आशु) : कहते है स्वर्ग और नर्क क्या होता है, इसकी पहचान इंसान को धरती पर ही हो जाती है। ऐसा ही कुछ शनिवार को उस समय देखने को मिला, जब जन सेवा दल के पास महावीर दल के पास मिठाई स्वीट के सामने गली में से किसी ने फोन किया कि एक बुजुर्ग काफी समय से बुरी हालत में पड़ा है। जन सेवा दल की टीम ने मौके पर पहुंचकर बुजुर्ग को देखा तो मन में भाव आया कि इसकी जिंदगी नर्क जैसी है। क्योंकि जिस स्थान पर बुजुर्ग रहता है, वहीं पर बैठे- बैठे ही सबकुछ करता है और वहीं पर उसके पास कोई खाना डाल जाता है, उसे खा लेता है। टीम ने गली के 4 लोगों से हस्ताक्षर करवाकर बुजुर्ग को खाना करवाया तथा उसके कपड़े बदले।
वहीं बुजुर्ग को एम्बुलैंस द्वारा करनाल आशियाना पहुंचाया। जहां बुजुर्ग की सेवा भी होगी और बाकी की बची हुई जिंदगी भी अच्छे से गुजार पाएगा। टीम ने बुजुर्ग से बातचीत की, तो वह अच्छे से बातचीत कर रहा था। जन सेवा दल टीम ने कहा कि हमारे पास पानीपत में ऐसी कोई जगह नहीं है, जिसमें बुजुर्गों को रखकर उनकी सेवा कर पाए। इसके लिए पिछले 4 वर्षों से प्रयास कर रहे है। पूर्व में विधायक रोहिता रेवड़ी से भी ऐसी जगह की मांग की गई थी, परंतु आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। बुजुर्ग को आशियाना करनाल पहुंचने में प्रधान किशन मनचंदा, चमन गुलाटी, कपिल मल्होत्रा, कैलाश ग्रोवर का सहयोग रहा।
हालांकि सत्रौली रोड पर सरकार की ओर से वृद्धाश्रम बना हुआ है जहां कुछ बुजुर्ग रहते है। इस बारे में चमन गुलाटी ने कहा कि इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। वृद्धाश्रम में ऐसे लोगों को रखा जाता है तो अपना काम खुद करते है लेकिन यह बुजुर्ग अपने काम खुद नहीं कर सकता है इसलिए करनाल भेजा है।