Edited By Manisha rana, Updated: 20 Sep, 2020 01:31 PM
सदर थाना के एरिया के गांव राक्लवास कलां में शराब के अवैध तस्करों द्वारा लाठिय़ों से पीट-पीटकर एक टेलर की हत्या का मामला सामने आया...
हिसार (ब्यूरो) : सदर थाना के एरिया के गांव राक्लवास कलां में शराब के अवैध तस्करों द्वारा लाठिय़ों से पीट-पीटकर एक टेलर की हत्या का मामला सामने आया है। गांव के 50 वर्षीय टेलर जगदीश ने 2 दिन पहले तस्करों को उनकी गली में शराब बेचने से मना किया था। इसी रंजिश में तस्करों ने जगदीश व उसकी पत्नी पर हमला कर दिया। ज्यादा चोट लगने से जगदीश की मौत हो गई। सदर थाना पुलिस ने इस मामले में मृतक के भतीजे सुनील की शिकायत पर गांव के ही संदीप, नरेंद्रव सोनू के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करके जांच शुरु कर दी है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस को दी शिकायत में सुनील ने बताया कि वह गुरुग्राम में निजी कंपनी में काम करता है। कोरोना के चलते गांव आया हुआ है। सुनील के अनुसार रात को टेलर का करने वाले अपने चाचा जगदीश के घर पर गया हुआ था। करीबन साढ़े 11 बजे गांव के ही संदीप, नरेंद्र व सोनू लाठियों सहित पहुंचे औऱ चारपाई पर सो रहे उसके चाचा को पीटने लगे। इसके बाद आरोपी उसके चाचा को घसीटते हुए बाहर गली में ले गए औऱ लाठियों से बुरी तरह पीटने लगे।
जब उसकी चाची पपला देवी ने अपने पति को छुड़वाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसकी भी लट्ठ मारे। दोनों को काफी देर तक पीटने के बाद आरोपी उनको मरा हुई छोड़कर वहां से भाग गए। सुनील के अनुसार हमलावरों के वहां से जाने के बाद उसने परिवार के अन्य सदस्यों को वहां पर बुलाया और घायल जगदीश व पपला को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए जहां पर डॉक्टर्स ने उसके चाचा को मृत घोषित कर दिया। पपला की हालत गंभीर होने के कारण उसको रैफर कर दिया गया जिसका शहर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया।
लाठियों के वार से फट गई सिर की नसें
पोस्टमार्टम के अनुसार सिरर में लाठी लगने से जगदीश का दिमाग की नसें फट गई और अत्याधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी को भी 5 जगहों पर गंभीर चोट है। सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि गांव में अवैध शराह तस्करी स्मैक का कारोबार पूरे जोरों पर है। कई बार उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्ऱवाई करती तो एक कामगारी को इसकी कीमत अपनी जान देकर नहीं चुकानी पड़ती।