बच न सकेंगे वो, बेवजह घर से बाहर निकलते हैं जो, तफरीबाजों की डंडे से की जा रही सेवा

Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 06:05 PM

they will not be able to escape who inexplicably get out of house

बेवजह घरों से बाहर निकलने में आदतन लाचार हो चुके लोगों पर पुलिस प्रशासन ने नजरें टेढ़ी कर ली है। इन लोगों को न सिर्फ डंडे से समझाया जा रहा है, बल्कि वाहनों के चालान काटने से लेकर उसे जब्त भी किया जा रहा है। पुलिस के सख्ती का ही असर है कि अब बाजारों...

सिरसा (माहेश्वरी): बेवजह घरों से बाहर निकलने में आदतन लाचार हो चुके लोगों पर पुलिस प्रशासन ने नजरें टेढ़ी कर ली है। इन लोगों को न सिर्फ डंडे से समझाया जा रहा है, बल्कि वाहनों के चालान काटने से लेकर उसे जब्त भी किया जा रहा है। पुलिस के सख्ती का ही असर है कि अब बाजारों में बेफालतू निकलने वालों की तादाद काफी कम हो गई है। हर चौक चौराहे पर तैनात पुलिस के जवान आने जाने वालों को रोक रोककर उनसे घर से बाहर निकलने का कारण पूछ रहे हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

लॉकडाऊन घोषित होने के बाद से लेकर अब तक एक हफ्ते में पुलिस द्वारा शहर में 700 से ज्यादा वाहनों के चालान काटे जा चुके हैं और करीब 300 वाहनों को इम्पाऊंड किया जा चुका है। दरअसल, कोरोना के कहर को लेकर गत 23 मार्च को प्रदेश में और अगले दिन रात 12 बजे से देशभर में लॉकडाऊन लागू कर दिया गया था। पुलिस व प्रशासन की ओर से तब से लेकर लगातार गलियों-बाजारों, शहरों-गांवों में मुनादी करवाई जा रही है कि बेवजह घरों से बाहर न निकलें और सरकारी हिदायतों का पालन करें। बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे हैं जो घरों में टिककर नहीं रह सकते। गाहे-बगाहे ये लोग तफरी के लिए बाजारों में निकलकर खुद और अपने परिवार के साथ साथ पूरे शहर को खतरे में डाल रहे हैं।

शुरू में तो पुलिस ने ऐसे लोगों को प्यार से समझाया, लेकिन इसका कोई फायदा होता दिखाई नहीं दिया। ऐसे में पुलिस को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने वाहनों के चालान काटने और डंडे फटकारने का मंत्र अपना लिया। इसके सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं। जो भी वाहन चालक चौक चौराहे से पुलिस टीम को गुजरता दिखाई देता है, उसे रोककर अच्छे से पूछताछ की जाती है। जब यह पुख्ता हो जाता है कि व्यक्ति वास्तव में किसी काम से जा रहा है तो उसे जाने दिया जाता है तथा जिसकी बातों में झोल लगता है यानि बनावटीपन लगता है तो उस पर कार्रवाई की गाज गिरती है। ऐसे व्यक्ति के वाहन का अच्छा खासा चालान काटने से लेकर वाहन को इम्पाऊंड करने की कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

अगर व्यक्ति पैदल है और बाहर निकलने का वाजिब जवाब नहीं तो उसकी ‘खातिरदारी’ की जाती है। अब तो गलियों में घूमने वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा। गत 23 मार्च को लॉकडाऊन लागू होने से लेकर सोमवार दोपहर 1 बजे तक ट्रैफि क पुलिस व शहर पुलिस मिलकर शहर में विभिन्न नाकों पर 745 वाहनों के चालान काट चुकी है। इसके अलावा 296 वाहनों को इमपाऊंड किया जा चुका है। इन पर 20 लाख 82 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया।

तफरीबाजों के खिलाफ पुलिस की सख्ती को इसी से समझा जा सकता है कि अकेले सोमवार को ट्रैफिक व सिटी पुलिस ने 30 वाहनों को इम्पाऊंड किया और इतने ही वाहनों के चालान किए। इसके अलावा पुलिस द्वारा केस दर्ज करने का सिलसिला भी तेज कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है अब किसी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाएगी और न ही कोई बहाना चलेगा। जो तफरी करता सड़क पर नजर आएगा, उसे सबक सिखाया जाएगा।

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