Edited By Nitish Jamwal, Updated: 23 Jun, 2024 09:14 PM
शंभू बॉर्डर पर रविवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। जब कुछ व्यापारी संगठन व आसपास के गांव के लोग किसानों से मिलने पहुंचे तब वहां बवाल हो गया। जिसके बाद वहां दोनों पक्षों में बहस हुई और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगे।
अंबाला (अमन कपूर): शंभू बॉर्डर पर रविवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। जब कुछ व्यापारी संगठन व आसपास के गांव के लोग किसानों से मिलने पहुंचे तब वहां बवाल हो गया। जिसके बाद वहां दोनों पक्षों में बहस हुई और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगे। किसानों ने भाजपा पर साजिश रचने के आरोप लगाए तो वहीं व्यापारी संगठनों ने कहा कि हमारा किसानों से कोई झगड़ा नहीं हुआ। उनकी बातचीत आसपास के गांव के लोगों के साथ हुई।
किसान ने बताया दोपहर करीब एक बजे 50-60 की गिनती के अंदर कुछ लोगों ने स्टेज पर कब्जा कर हमला करने की कोशिश की। जिसके बाद लीडर पहलवानों वहां पर सब कुछ संभाल लिया और जो स्टेज पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें रोका गया। किसान ने बताया कि लीडर पहलवानों ने बड़े ही संयम के साथ उन लोगों का सामना किया। वो लोग हाथापाई करना चाहते थे, लेकिन सीनियर लीडरशिप ने बिना किसी को चोट पहुंचाए मामले को संभाला।
शंभू बॉर्डर पर किसानों का मोर्चा करीब 5 महीनों से जारी है। वहीं शम्भू बार्डर पर हरियाणा पंजाब का आवागमन पक्की बैरिकेडिंग के कारण पूरी तरह प्रभावित है। किसान संगठन पंजाब की तरफ धरने पर बैठे हैं। जिसका असर अब अंबाला के व्यापार और आसपास के इलाकों पर दिखने लगा है। जिसको लेकर कुछ व्यापारी संगठन व आसपास के गांव के लोग शम्भू मोर्चे पर बातचीत के लिए पहुंचे। वहां दोनों पक्षों में बहस हुई। जिसको लेकर किसानों ने भाजपा पर साजिश के आरोप लगाए और स्टेज कब्जा करने की कोशिश के आरोप लगाए।
वहीं किसानों ने आरोप लगाए तो जवाब में अंबाला में व्यापारी संगठनों ने भी प्रेसवार्ता की और कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वो उसका हिस्सा नहीं है। वो मिलने जरूर गए, लेकिन जो भी बातचीत हुई आसपास के गांवों के लोगों और किसानों के बीच हुई। उनका और किसानों का रिश्ता पुराना है किसान उनके ग्राहक है।
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