Edited By Manisha rana, Updated: 20 Jul, 2024 07:38 AM
अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो वह कोई न कोई सुराग ऐसा अवश्य छोड़ देता है, जो उसे उसके अंजाम तक पहुंचाने में पुलिस के लिए मददगार साबित होता है। जनपद के गांव रामकली में प्रेम संबंध व जमीन बेचने में बाधा बनने पर बीती 10 जुलाई की रात को अधेड़ अशोक की...
जींद : अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो वह कोई न कोई सुराग ऐसा अवश्य छोड़ देता है, जो उसे उसके अंजाम तक पहुंचाने में पुलिस के लिए मददगार साबित होता है। जनपद के गांव रामकली में प्रेम संबंध व जमीन बेचने में बाधा बनने पर बीती 10 जुलाई की रात को अधेड़ अशोक की हत्या करने के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मृतक के परिजनों व हत्यारोपियों ने इसे अधिक शराब के सेवन से हुई मौत का रूप देने का काफी प्रयास किया, लेकिन फिर ऐसा हुआ जिसके बारे में हत्यारोपियों ने सपने में भी नहीं सोचा था। उनकी इन करतूतों को कोई देख रहा था जो सीधे तौर पर पुलिस के लिए अहम गवाह भी बना और आरोपियों को पुलिस गिरफ्त में पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। इन सबसे इतर एक फोन कॉल ने भी हत्यारोपी तिकड़ी की खौफनाक साजिश से पर्दा उठाने में अहम रोल अदा किया।
दरअसल थाना जुलाना क्षेत्र के अंतर्गत गतौली चौकी पुलिस को 11 जुलाई की सुबह सूचना मिली कि एक अधेड़ व्यक्ति का शव गांव रामकली के जोहड़ के पास पड़ा हुआ है। मृतक की पहचान अशोक कुमार पुत्र ओम प्रकाश निवासी रामकली के तौर पर हुई। बाद में सूचना पाकर परिजन मौके पर पहुंचे तथा कहा गया कि मृतक शराब पीने का आदी था ओर अधिक शराब के सेवन से उसकी मौत हुई है। परन्तु पुलिस को सरसरी तौर पर मामला संदिग्ध लग रहा था। लेकिन पुलिस के पास न तो कोई शिकायतकर्त्ता था और न ही ऐसा साक्ष्य जिससे किसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जा सके। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि पुलिस में खलबली मच गई। किसी ने जिला पुलिस कप्तान सुमित कुमार (आई.पी.एस.) के कार्यालय को कॉल करके सूचना दी कि अशोक की मौत शराब पीने से नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या की गई है। मृतक के घर से तालाब तक मार्ग पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों को खंगाला जाए तो पूरे मामले का राजफाश हो सकता है। मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आते ही उन्होंने तुरन्त अधिकारियों एवं कर्मियों को आदेश दिए कि पूरे मामले की तह तक जाकर यह पता लगाया जाए कि यह हत्या है या कुछ और मामला है।
तीसरी आंख ने कर दिया साजिश का भंडाफोड़
उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय रोहताश ढुल्ल ने बताया कि एस.पी. के आदेशानुसार पुलिस तुरन्त हरकत में आई तथा गहनता से छानबीन शुरू कर दी गई। पुलिस टीमों ने गांवों में पंचायत द्वारा लगाए गए सी.सी.टी.वी. कैमरों को चैक किया तो 10 जुलाई की रात को करीब 1 बजे मृतक का बेटा अर्जुन तथा पत्नी का प्रेमी बिजेन्द्र अशोक को बाइक पर लेकर जाते हुए कैमरों में दर्ज मिले जिससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि अशोक की मौत शराब पीने से नहीं हुई बल्कि इसके पीछे कोई न कोई बड़ा रहस्य है।
चौथे दिन भतीजे की शिकायत पर हुआ मामला दर्ज
डी.एस.पी. रोहताश ढुल्ल ने बताया कि चूंकि अशोक के परिवार में शोक का माहौल था। ऐसे में फुटेज में उसके बेटे अर्जुन के दिखाई देने के बावजूद पुलिस उससे जल्दबाजी में कुछ पूछताछ करने के मूड में नहीं थी। इसीलिए पुलिस ने अंदरखाते ही अपनी जांच जारी रखी। इसी दौरान घटना के चौथे दिन मृतक अशोक के भतीजे अनिल ने जुलाना पुलिस को शिकायत देते हुए चाची कृष्णा, चचेरे भाई अर्जुन तथा चाची के प्रेमी बिजेन्द्र पर अशोक की हत्या का आरोप लगाया। अनिल ने आरोप लगाया कि चाची कृष्णा व प्रेमी बिजेन्द्र के प्रेम संबंधों में बाधा बनने तथा एक कनाल जमीन न बेचने देने के कारण ही तीनों ने मिलकर अशोक की हत्या की है।
सख्ती से पूछताछ में उगल दिया राज
डी.एस.पी. रोहताश ढुल्ल ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज होने पर पुलिस ने आरोपियों को काबू करके सख्ती से पूछताछ की तो पूरी कहानी का पर्दाफाश हो गया। आरोपी महिला कृष्णा ने पुलिस पूछताछ में राज उगल दिया कि उसका पति अशोक शराब पीने का आदी था। इसी के चलते वह गांव के बिजेन्द्र के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी। उसका घर पर आना-जाना पति अशोक को गवारा नहीं था। वहीं पति के नाम एक कनाल जमीन थी जिसे वह तथा बेटा अर्जुन मिलकर बेचना चाहते थे, लेकिन पति जमीन बेचने नहीं दे रहा था। जमीन बेचने से मना करने व प्रेम संबंधों में बाधा बनने पर ही उसने प्रेमी बिजेन्द्र व बेटे अर्जुन के साथ मिलकर पति अशोक को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
प्रेमी बिजेन्द्र खरीदकर लाया खरपतवार नाशक की शीशी
डी.एस.पी. रोहताश ढुल्ल ने बताया कि तीनों आरोपियों को अदालत में पेश करके एक दिन का रिमांड हासिल किया गया था। रिमांड के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि योजना अनुसार बिजेन्द्र खरपतपवारनाशक की शीशी तथा सिरिंज खरीद कर लाया। तीनों रात होने का इंतजार करने लगे। योजनानुसार जैसे ही रात को अशोक घर के बाहर गली में चारपाई पर सो रहा था तो इसी दौरान बिजेन्द्र व अर्जुन ने खरपतवारनाशक टू-फोरडी का इंजैक्शन भरकर अशोक को लगा दिया। दवा का असर होने पर दोनों उसे बाइक पर बैठाकर तालाब की ओर ले गए तथा वहां गिरा आए। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त सिरिंज भी तालाब के पास से बरामद कर ली है। गहनता से पूछताछ के बाद रिमांड अवधि खत्म होने पर आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेजा गया है।
बस एक चूक ने पहुंचा दिया सलाखों के पीछे
डी.एस.पी. रोहताश ढुल्ल ने बताया कि तीनों आरोपियों ने शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम दिया तथा घटना के अगले दिन भी मृतक के परिजनों ने पुलिस को धोखे में रखने का प्रयास किया कि अशोक की मौत ज्यादा शराब पीने से हुई है, लेकिन आरोपी एक चूक कर बैठे कि अशोक को इंजैक्शन लगाने के बाद वे रात करीब एक बजे उसे बाइक पर बैठकर तालाब के पास फैंकने चले गए। घटना के बाद आई एक फोन कॉल व तीसरी आंख के रिकार्ड ने आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया।
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