Edited By Manisha rana, Updated: 26 Oct, 2024 07:40 AM
पूंडरी व आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र के किसानों द्वारा लगातार खेतों में पराली जलाना है।
पूंडरी : पूंडरी व आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र के किसानों द्वारा लगातार खेतों में पराली जलाना है। वहीं पराली जलाने से रोकने के लिए प्रशासन व सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हुए हैं, लेकिन इन सबके बावजूद पराली जलाई जा रही है।
पराली जलाने को लेकर अब प्रशासन व सरकार काफी सख्ती अपनाए हुए है, लेकिन इन सबके बावजूद किसान प्रशासन को पता न चले, इसके लिए अलग ही तरीके अपनाकर पराली जला रहे हैं। अब किसान रात के अंधेरे में धान के अवशेषों में आग लगा देते हैं और सुबह होने से पहले ही उस खेत की बुवाई कर रात को आग लगाने के सबूत ही मिटा देते हैं। जैसे ही अंधेरा होता है, वैसे ही खेतों में धान के अवशेष जलते दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह से क्षेत्र का वातावरण व हवा दूषित हो रही है, जो काफी चिंताजनक है। पूंडरी से ढांड, पूंडरी से पाई, राजौंद या किसी भी सड़क पर चले जाएं, खेतों में धान के अवशेषों से धुआं उठता नजर आएगा।
किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए बाकायदा टीमें बनाई हुई हैं। इसके अलावा ऐसे किसानों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने पराली में आग लगाई है। ऐसे किसानों पर विभाग अब तक लाखों रुपए का जुर्माना भी लगा चुका है। आग लगाने से रोकने के लिए विभाग काफी गंभीर है।
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