सरकार को करोड़ों की चपत; कैथल के मिलर्स ने किया 1.79 करोड़ रुपये की धान का गबन, प्रॉपर्टी होगी कुर्क

Edited By Saurabh Pal, Updated: 06 Nov, 2024 06:43 PM

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धान से सीजन में सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा राइस मिलर्स को बड़ी मात्रा चावल कुटाई के लिए में धान दिया जाता है। जिनमे से कुछ राइस मिलर्स पर खुद मोटा मुनाफा कमा सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का आरोप है।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : धान से सीजन में सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा राइस मिलर्स को बड़ी मात्रा चावल कुटाई के लिए में धान दिया जाता है। जिनमे से कुछ राइस मिलर्स पर खुद मोटा मुनाफा कमा सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का आरोप है। कैथल जिले में एक हफ्ते के अंदर ऐसे दो मामले सामने आए हैं। जिनमें मिलर्स ने सरकार द्वारा चावल कुटाई के लिए दी गई धान को ही बेच डाला। जब विभाग के अधिकारियों ने सेलर में जाकर देखा तो वहां से धान भी गायब मिला।

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कैथल के चंदाना रोड स्थित हिमांक राइस मिल ने करीब 1.80 करोड़ रुपए के सरकारी चावल का गबन किया है। फूड एंड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर दीपक कुमार की शिकायत पर मिल मालिक अमन मित्तल व उसके गारंटर जय भगवान निवासी मॉडल टाउन व बलदेव राजलक्ष्मी ग्रेन ट्रेडर्स नई अनाज मंडी के खिलाफ सिटी थाना में धोधाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। 

फूड एंड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर दीपक ने शिकायत में बताया है कि आरोपी मिलर अमन मित्तल ने 6547.92.130 क्विंटल पीआर धान खुर्दबुर्द की गई है। जिसका चावल 4387.10.720 क्विंटल बनता है। जिससे सरकार को करीब 1 करोड़ 79 लाख 87 हजार 151 रुपए का नुकसान हुआ है। मिलर्स ने धान सीजन 2022-23 में फूड एंड सप्लाई एजेंसी के तहत सीएमआर (कस्टम मिलिंग राइस) का काम किया था। मिलर्स को 35595.37.500 क्विंटल धान अलॉट हुई थी। उसकी कुटाई कर उसमें से 67 प्रतिशत चावल व एक प्रतिशत एफआरके सहित यानी 240869.90.125 क्विंटल चावल की डिलीवरी तय समय पर एफसीआई को देनी थी। जबकि हिमांक राइस लैंड ने निर्धारित समय तक पूरी मात्रा में चावल जमा नहीं कराया। इसको लेकर विभाग की तरफ से नोटिस दिए गए। नोटिस का मिलर ने जवाब तक नहीं दिया। गरांटरों को नोटिस दिए तो उन्होंने जल्द ही चावल की डिलीवरी देने की बात कही। 

इसके बाद जब 1 अक्टूबर को सुबह करीब 10 बजे जब इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने राइस मिल में विभाग के बकाया पड़े स्टॉक की पाक्षिक भौतिक जांच करने पहुंचा, तो वहां पर धान व चावल का स्टॉक ही नहीं मिला। मिलर भी धान व चावल के स्टॉक बारे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। जिसके बाद अब एजेंसी की तरफ से मिलर व उसके गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 

धान के साथ 3.91 लाख रुपए का बारदाना भी हड़पें का आरोप

हिमांक राइस मिलर ने करीब 1.80 करोड़ रुपए के चावल के साथ साथ फूड एंड सप्लाई विभाग के 3.91 लाख रुपए के बारदाने को भी खुर्द बुर्द कर दिया। इंस्पेक्टर ने बताया कि राइस मिल की तरफ विभाग का सरकारी बारदाना लगभग 17 गांठे (1 गांठ  500 कट्टे) बकाया थे। जब मिल में जाकर जांच की गई तो बारदाना भी वहां से गायब मिला।

कार्रवाई- मिल मालिक व गारंटरों के 50-50 लाख के 7 चेक बाउंस हुए, प्रॉपर्टी होगी कुर्क

फूड एंड सप्लाई विभाग की तरफ से राइस मिलर अमन मित्तल व उसके दो गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। मिलर द्वारा रजिस्ट्रेशन के दौरान एजेंसी को दस्तावेजों में जमा कराए 50-50 लाख रुपए के 5 चेक बाउंस हुए हैं। साथ ही गारंटरों के भी 50-50 लाख रुपए 2 चेक बाउंस हुए हैं। इसके साथ ही विभाग की तरफ से मिल में 3 नियमित चौकीदारों की तैनाती कर दी गई है। ताकि मिलर किसी संपत्ति को बाहर न ले जा सकें। राइस मिलर की प्रॉपर्टी को कुर्क व नीलामी के लिए राजस्व विभाग को लिखा गया है। गारंटरों की आढ़त की दुकानों को विभाग के नाम अटैच करने के लिए मार्केट कमेटी सचिव को लिखा गया है। ताकि मिलर से हर हाल में रिकवरी की जा सके।   

राजनीति अप्रोच से ठंडे बस्ते में चली जाती डिफाल्टर मिलों की कुर्की की फाइल

 डिफाल्टर मिलर और इनके गारंटरों से रिकवरी के लिए विभाग द्वारा जब इनकी प्रोपर्टी कुर्की की फाइल राजस्व विभाग को भेजी जाती है तो डिफाल्टर मिलर राजनीति अप्रोच लगवा उसे ठंडे बस्ते में डलवा देते हैं, जिस कारण डीएफएससी और राजस्व विभाग में यह फाइल उलझकर रह जाती है। जो किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इस कारण मिलर्स को हिसाब आया हुआ है कि प्रशासनिक कार्रवाई में कुछ नहीं बिगड़ता। सरकार का पैसा हड़प करके दूसरे बिजनेस शुरू कर दिए जाते हैं। काफी डिफाल्टर मिलर्स तो परिवार के साथ दिल्ली या अन्य किसी बड़े शहर में शिफ्ट हो जाते हैं, तो कई दूसरे परिवार के सदस्य या रिश्तेदार के नाम से नई फर्म बना फिर से मिलिंग का काम शुरू कर हैं। इस कारण सरकार को कई करोड़ों नुकसान झेलना पड़ता है।

इससे पहले चीका का गोयल फूड दूसरे मिलर के साथ मिलकर कर चुका 5.88 करोड़ के चावल का गबन

इसी सीजन के दौरान चीका के गोयल फूड (राइस मिल) व आत्मा राम राइस मिल के मालिकों ने हैफेड एजेंसी के 5 करोड़ 88 लाख 72 हजार 413 रुपए की पीआर धान व चावल का गबन किया था। इस मामले में हैफेड डीएम सुरेश वैद्य की शिकायत पर गोयल फूड चीका मालिक नीरू बाला, आत्मा राम राइस एंड जनरल मिल चीका के मालिक व इनके गरांटर रामा सिहं परी ग्रेन ट्रेडर कमीशन एजेंट चीका दुकान का पार्टनर, सतीश कुमार रिधि सिधि ग्रेन ट्रेडर्स दुकान का मालिक, मोहित गोयल पुत्र गौतम फूड चीका का मालिक, रोहित गोयल अधिकृत व्यक्ति गोयल फूड चीका के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। इस मिलर्स ने धान व कुटाई किए चावल को एफसीआई को जमा कराने की बजाय प्राइवेट लेवल पर बाजार में बेच दिया। आरोप था कि दोनों राइस मिलों के मालिकों ने हैफेड के धान व चावल के स्टॉक को एजेंसी व एफसीआई को सौंपने की बजाय खुर्द बुर्द कर दिया था।  

सिटी थाना एसएचओ बीर सिंह ने बताया कि डीएफएससी विभाग के इंस्पेक्टर दीपक की शिकायत के आधार पर मिल मालिक अमन मित्तल व उसके गरांटर जय भगवान व बलदेव राज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। 

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