Edited By Yakeen Kumar, Updated: 09 Jul, 2025 05:48 PM

कैथल के शहीद जवान संजय सैनी बुधवार को पंचतत्व में विलिन हो गए। गांव कवारतन में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। पत्नी और बेटे ने संजय सैनी को सैल्यूट किया।
कैथल : कैथल के शहीद जवान संजय सैनी बुधवार को पंचतत्व में विलिन हो गए। गांव कवारतन में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी। पत्नी और बेटे ने संजय सैनी को सैल्यूट किया। संजय सैनी की अंतिम विदाई में आसपास के लोग काफी संख्या में पहुंचे थे।
बता दें कि केथल जिले के गांव कवारतन के रहने वाले संजय सैनी (39) लद्दाख में शहीद हो गए। परिजनों के अनुसार वहां बर्फीले तुफान की वजह से ठंड बढ़ गई। जिससे संजय के सिर में खून जम गया। इसी वजह से उनकी मौत हो गई। संजय का मंगलवार को सेना अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। परिजनों ने बताया कि 3 महीने पहले ही संजय के पिता की मौत हो गई तब वह छुट्टी लेकर गांव में आया था।
देशभक्ति का था जुनून

संजय सिंह ने 2004 में सेना में भर्ती होकर 2005 में ट्रेनिंग शुरू की थी। वे पिछले 20 वर्षों से देशसेवा में लगे थे। परिवार ने जब उनसे रिटायरमेंट लेने की बात की, तो उन्होंने साफ कहा, "अभी दो साल और बाकी हैं, मुझे देश की सेवा करनी है।" उनकी ये बातें आज भी परिजनों की आंखों में तैर रही हैं और उनके जज़्बे की मिसाल पेश करती हैं।
“यहां सब ठीक है”-आखिरी बातचीत

संजय की आखिरी बातचीत कुछ दिन पहले ही हुई थी, जब उन्होंने परिवार को बताया, “यहां सब ठीक है।” तीन महीने पहले ही उनके पिता का निधन हुआ था, तब वे छुट्टी लेकर गांव आए थे। परिवार को क्या पता था कि यह बात उनकी आखिरी बात होगी।
परिवार में शोक

संजय सिंह अपने पीछे पत्नी, दो बेटे (14 व 11 वर्ष), बुजुर्ग मां और बड़ा भाई छोड़ गए हैं। गांव और परिवार के लोग गम में डूबे हैं, लेकिन बेटे की शहादत पर मां और पत्नी ने साहस दिखाते हुए कहा कि "हमें हमारे बेटे पर गर्व है, उसने देश के लिए जान दी है।" गांववासियों ने पुष्प अर्पित कर संजय को श्रद्धांजलि दी। हर ओर 'भारत माता की जय' और 'शहीद संजय अमर रहें' के नारे गूंजते रहे।
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