Edited By Isha, Updated: 22 Aug, 2024 05:06 PM
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच जहां राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में लगे हैं। वहीं, टिकट के दावेदारों के साथ जनता में भी इस बात की उत्सुकता है कि किस सीट से किस द
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच जहां राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में लगे हैं। वहीं, टिकट के दावेदारों के साथ जनता में भी इस बात की उत्सुकता है कि किस सीट से किस दल का कौन प्रत्याशी मैदान में होगा। इसके साथ ही जनता यह भी जानने की इच्छुक है कि इस बार का मुकाबला किन दलों के बीच होगा। चुनाव से जुड़े जनता के कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सवालों का जवाब तलाशने की हमने कोशिश की।
राजनीतिक जानकारों की माने तो इस बार होने वाले हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है। हालांकि इस चुनाव में जेजेपी, इनेलो, आप समेत कुछ अन्य दल और निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में होंगे। इनमें से जेजेपी और इनेलो खुद को किंग मेकर की भूमिका में लाने के साथ अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
2024 के इस विधानसभा चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारे जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि बहुगुनीय मुकाबले में वह जीत हासिल कर सकते हैं। इसके उल्ट यदि करीब तीन महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम पर गौर करें तो बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नजर आता है। इस चुनाव में दोनों ही दलों ने 5-5 सीट हासिल की थी।
लोकसभा चुनाव के घोषित परिणाम के आंकड़े देखे तो पता चलता है कि उस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 90 विधानसभा में से 44 पर बढ़ हासिल की थी, जबकि 9 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने 42 सीट पर बढ़ ली थी। इसके अलावा कांग्रेस के साथ मिलकर इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी नो 4 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की थी।
कांग्रेस में टिकट वितरण बड़ी समस्या
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 5 सीट पर मिली जीत से हरियाणा के साथ-साथ पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी काफी खुश है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से टिकट के आवेदन करने वाले नेताओं से शुल्क लिए जाने के बावजूद 90 सीट के लिए 2500 से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया। इतनी भारी संख्या में टिकट के आवेदन आना ही दर्शाता है कि इस बार कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी की जीत को लेकर कितने आश्वस्त है ? यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन अब कांग्रेस के सामने यहीं समस्या है कि इतने नेताओं में से 90 लोगों का चयन किस प्रकार से किया जाएगा, क्योंकि फिर से सत्ता में वापसी की फिराक में लगी कांग्रेस को टिकट वितरण में गड़बड़ होने पर गुटबाजी का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में जहां टिकट मिलने वाले नेता को दूसरे आवेदकों को मनाकर अपने पक्ष में करना होगा। वहीं, पार्टी के लिए भी सभी में सामंजस्य बनाना भी जरूरी होगा।
जमानत भी नहीं बचा पाए ताऊ के वंशजों की पार्टी
2024 के लोकसभा चुनाव में उतरी ताऊ लाल के वंशजों की पार्टियां जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए थे। साढ़े 4 साल तक बीजेपी के साथ सत्ता सुख भोगने के बाद लोकसभा के चुनाव मैदान में उतरी जेजेपी इस चुनाव में एक फीसदी वोट शेयर भी हासल नहीं कर पाई थी। वहीं, इनेलो को भी केवल 1.74 फीसदी ही वोट मिले थे।