भारत की सबसे बड़ी सरस्वती शुगर मिल में गन्ने की पेराई शुरू, गन्ने का भाव घोषित न होने से किसान खफा

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 31 Oct, 2023 05:01 PM

sugarcane crushing begins in india s largest saraswati sugar mill

भारत की सबसे बड़ी सरस्वती शुगर मिल इस बार अपने समय से पहले ही शुरू हो गई...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता) : भारत की सबसे बड़ी सरस्वती शुगर मिल इस बार अपने समय से पहले ही शुरू हो गई। 1995 के बाद आज 31 अक्टूबर को मिल समय से पहले चालू हुई है और वह इसलिए ताकि किसानों को इसका भरपूर फायदा मिल सके। किसान अपने गाने को समय अनुसार मिल में डाल सकेंगे ताकि वह गेहूं की बिजाई कर सकें। एक तरफ मिल चालू होने को लेकर किसानों में काफी उत्साह है तो वहीं दूसरी तरफ गन्ने का समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी न होने पर किसानों में निराशा भी झलक रही थी।

बता दें कि 1995 में 31 अक्टूबर के दिन सरस्वती शुगर मिल में गन्ने की पेराई की गई थी, हालांकि मिल 1933 में बनी थी लेकिन आज फिर 1995 की बात दोहराकर मिल ने यह साफ कर दिया कि वह किसानों की कितनी हितेषी है। सरस्वती शुगर मिल के द्वारा 31 अक्टूबर को गन्ने लेने की बात जैसे ही किसानों तक पहुंची तो किसान 30 अक्टूबर को ही अपने गन्ने से भरे ट्रैक्टर ट्रालियां ट्रक व बुग्गी झोटा लेकर मिल में पहुंच गए थे। ऐसे में जो लोग सबसे पहले मिल में पहुंचे थे मिल शुरू होते ही उन्हें सम्मानित भी किया गया। मिल इसलिए समय से पहले चालू की गई ताकि किसान अपने गन्ने को समय अनुसार मिल में भेज सकें, ताकि खेत खाली हो तो किसान गेहूं की बिजाई कर दें। ऐसा होने पर एक तरफ यहां मिल पूरे गन्ने को किसानों से ले पाएगी तो वहीं दूसरी तरफ इससे किसानों को भी काफी फायदा होगा।

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मिल प्रबंधक एसके सचदेवा ने बताया कि हालांकि 2022 में भी मिल एक सप्ताह पहले शुरू की गई थी, लेकिन अब उससे भी पहले शुरू कर कहीं ना कहीं किसानों को बड़ी राहत मिल द्वारा दी गई है। मिलकर इस बार का लक्ष्य 17500000 क्विंटल गन्ने की पिराई का है हालांकि पहले दिन मिल  में 40000 क्विंटल गन्ना पहुंचा है। प्रतिदिन 1 लाख क्विंटल गन्ना मिल द्वारा पिराई किया जाएगा।

सरस्वती शुगर मिल शुरू हुई तो किसानों में काफी उत्साह देखने वाला था, क्योंकि मिल ने किसानों के लिए  काफी सोचा है। वहीं दूसरी तरफ किसान इस बात से काफी खफा हैं कि आज भी सरकार ने गन्ने के रेट में कोई इजाफा नहीं किया। किसान लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उनके गन्ने का समर्थन मूल्य सरकार 450 रुपए कर दे और इस बार तो किसानों को मौसम की मार भी पड़ी है लेकिन मिल शुरू हो गई, पर सरकार ने गन्ने के समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की। मिलकर शुरू होते ही भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) व भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ग्रुप के किसान मौके पर पहुंचे और उन्होंने  सरकार के प्रति नाराजगी भी जताई।

मिल समय से कई दिन पहले चलने से निश्चित तौर पर  किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो उनके खेत गन्ना काटने से जल्दी खाली हो जाएंगे। उन की आर्थिक स्थिति ठीक होगी। वहीं खाली हुई जगह पर वह समय पर गेहूं की बिजाई कर सकेंगे। किसानों ने इसका स्वागत भी किया है।

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