Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 07 Sep, 2023 09:28 PM
पूरे प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में तो अग्रणी जिला माना जाता रहा है, मगर अब शिक्षा के क्षेत्र के क्षेत्र में भी प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा यह जिला ऊंची उड़ान भरता दिखाई दे रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सिरसा जिला में बड़े शैक्षणिक संस्थान खुले हैं तो...
सिरसा(चंद्रशेखर धरणी): पूरे प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में तो अग्रणी जिला माना जाता रहा है, मगर अब शिक्षा के क्षेत्र के क्षेत्र में भी प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा यह जिला ऊंची उड़ान भरता दिखाई दे रहा है। पिछले कुछ वर्षों में सिरसा जिला में बड़े शैक्षणिक संस्थान खुले हैं तो अब यहां पर गुणवत्तापरक केंद्र भी खुलने लगे हैं। 2003 में सिरसा में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के स्थापित होने के बाद यहां पर उच्चत्तर शिक्षा का दायरा काफी बढ़ गया है। इसके अलावा 2002 में सिरसा में करीब 125 एकड़ में जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ स्थापित हुआ।
विद्यापीठ में 6 कालेज हैं जिनमें हजारों विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि सिरसा स्थित जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ में अब विदेशी विद्यार्थी भी एडमिशन लेने लगे हैं। युगांडा निवासी वाई.ई. किंग एवं कसेंगकी विलर्बफोर्स ने एम. फार्मेसी में प्रवेश लिया है तो बंगलादेश से भी आधा दर्जन विद्यार्थियों ने बैचलर ऑफ डैंटल फार्मेसी में दाखिला लिया है। इसके अलावा इस संस्थान में उत्तर पूर्वी राज्यों मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम से भी करीब डेढ़ दर्जन विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विशेष बात यह है कि बाहरी एवं उत्तरपूर्वी राज्यों के विद्यार्थियों के खान-पान के लिए अलग से रसोई की व्यवस्था की गई है।
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भी आ चुके हैं विद्यापीठ में
इसके अलावा विद्यापीठ में एक भव्य म्यूजियम, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्र्रिकेट मैदान, खेल परिसर, प्रशासनिक ब्लॉक, छात्रावास की सुविधा है। वर्तमान में विद्यापीठ में डैंटल कालेज, फार्मेसी कालेज, बिजनेस मैनेजमैंट, अकादमिक कालेज, इंजीनियरिंग कालेज हैं। विशेष बात यह है कि विद्यापीठ में समय-समय पर खेल गतिविधियों के अलावा सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन होता रहता है। इस कड़ी में साल 2007 में विद्यापीठ में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट टूर्नामैंट आयोजित किया गया, जिसमें पाकिस्तान की लाहौर लायंस टीम ने हिस्सा लिया था। इसी तरह से कई बड़े अभिनेता एवं क्रिकेटर्स भी विद्यापीठ में आ चुके हैं। अभिनेता संजय दत्त, क्रिकेटर नवजोत सिद्धू, योगराज सिंह, मॉडल शैफाली जरीवाला, बॉक्सर विजेंद्र सिंह, गीतिका जाखड़ सहित अनेक लोग समय-समय पर आते रहे हैं। खास बात यह है कि कुछ साल पहले पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी।
गुणवत्तापरक शिक्षा देने को लेकर हैं प्रतिबद्ध: डा. ढींडसा
इस सिलसिले में जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ के निदेशक एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डा. कुलदीप सिंह ढींडसा का कहना है कि जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ अपने आप में एक अनोखा संस्थान है और हमारा संस्थान गुणवत्तापरक शिक्षा देने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस संस्थान में शैक्षणिक क्रियाओं के साथ-साथ पाठ्य सहगामी क्रियाओं और अनुशासन एवं सामाजिक वातावरण के प्रति जागरूकता तथा नैतिक मूल्यों का पाठ भी पढ़ाया जाता है। विद्यापीठ शैक्षणिक क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाकर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व अन्य राज्यों में विद्यार्थी समुदाय की पहली पसंद बन गया है। उन्होंने कहा कि जननायक कहे जाने वाले एवं जनहित की भलाई एवं गरीब वर्ग के हितैषी रहे चौधरी देवीलाल का विश्वास था कि एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण के लिए व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास हो जिसके लिए शिक्षा एक अभिन्न अंग है।
सिरसा जिला शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इलाके में एक ऐसा संस्थान बने, जिसमें एक ही जगह पर इंजीनियरिंग, विज्ञान व वाणिज्य संबंधी कोर्स करवाए जाएं और उनके इस सपने को साकार करने के लिए ही चौ. देवीलाल के पारिवारिक सदस्यों द्वारा जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ की स्थापना की गई। डा. ढींडसा के अनुसार जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ 125 एकड़ में फैला है। यहां पर 6 कालेज संचालित हो रहे हैं।
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