Edited By Isha, Updated: 16 Nov, 2019 12:48 PM
आज दिल्ली और एन.सी.आर. क्षेत्र में भले ही पराली जलाने से प्रदूषण फैलाने का सबसे बड़ा कारण हो, लेकिन पराली का सही उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र
भिवानी (सुखबीर): आज दिल्ली और एन.सी.आर. क्षेत्र में भले ही पराली जलाने से प्रदूषण फैलाने का सबसे बड़ा कारण हो, लेकिन पराली का सही उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र से आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर लेकर अपने खेत की पराली को खाद बनाने का काम कर सकते हैं। इससे एक ओर जहां पराली नहीं जलाने से प्रदूषण कम होगा वहीं इस पराली से बनी खाद से जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। यहां बता दें कि इन दिनों दीपावली के बाद से ही वायु प्रदूषण भिवानी ही नहीं बल्कि अन्य जिलों और प्रदेशों खासकर दिल्ली और एन.सी.आर. में मुख्य समस्या बनी हुई है।
इसके लिए लोग किसानों द्वारा अपने खेत में बोई धान की फसल निकालने के बाद उसकी पराली को जलाना मुख्य कारण मानते हैं। हालांकि जिले में अभी तक पराली जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है, इसके बावजूद जिले का ए.क्यू.आई. स्तर शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे 356 दर्ज किया गया। यह आंकड़ा बताता है कि जिले में कहीं न कहीं से तो यह धुआं आ रहा है जो इन दिनों जिले के आसमान पर स्मॉग बनकर छाया हुआ है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार चिंतित हैं, क्योंकि अगर यही हाल रहा तो आगामी सालों में हमें भारी वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा।