अब हरियाणा में पराली की तर्ज पर गेहूं के फसल अवशेष जलाने पर होगी सख्ती, जानें वजह

Edited By Manisha rana, Updated: 07 Dec, 2025 01:12 PM

strict action against burning of wheat crop residue on the lines of stubble

हरियाणा में अब पराली की तर्ज पर गेहूं के फसल अवशेष जलाने पर भी सख्त रुख आपनाया जाएगा।

हरियाणा डेस्क : हरियाणा में अब पराली की तर्ज पर गेहूं के फसल अवशेष जलाने पर भी सख्त रुख आपनाया जाएगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मुख्य सचिव से आने वाले रबी सीजन में गेहूं फसल चक्र के लिए एक्शन प्लान मांगा है। हरियाणा सरकार विस्तृत प्लान जल्द ही आयोग को सौपेंगा, जिसमें निगरानी, कार्रवाई और जागरूकता अभियान शामिल होगा।

बता दें कि हरियाणा में जिस तरह से धान की पराली जलाई जाती है, उसी तर्ज पर कई किसान गेहूं के फसल अवशेष भी जलाते हैं। गेहूं के फसल अवशेष से भी प्रदूषण के खतरनाक कण निकलते हैं। इसमें पीएम 2.5, 10, कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, मीथेन और बैंजीन जैसे हानिकारक कण और गैसें निकलती हैं। ये गैसें न सिर्फ वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व व सूक्ष्मजीव भी नष्ट होते हैं।

आकंडों के मुताबिक एक अप्रैल से 31 मई तक 1832 मामले पकड़ में आए हैं। हालांकि पिछले चार साल में यह सबसे कम है। साल 2022 में 2887, 2023 में 1903, 2024 में 3159 मामले सामने आए थे। साल 2025 में सबसे ज्यादा मामले फतेहाबाद में 220, सोनीपत में 219, कैथल में 178, जींद में 176, करनाल में 164 मामले सामने आए थे। वहीं, मध्य प्रदेश में 34,429 मामले, यूपी में 14,398 मामले, पंजाब में 10,207 मामले और दिल्ली में 49 मामले सामने आए हैं।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!