एसटीएफ ने कंबोडिया से डिपोर्ट कराया 5 लाख का इनामी मोस्ट वांटेड क्रिमिनल

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 03 Sep, 2025 04:37 PM

stf haryana arrested rewarded criminal

स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ हरियाणा ने 5 लाख के इनामी बदमाश को कंबोडिया से डिपोर्ट कराने में सफलता हासिल की है। उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी मेनपाल बादली साल 2018 में पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट...

गुड़गांव, (ब्यूरो): स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ हरियाणा ने 5 लाख के इनामी बदमाश को कंबोडिया से डिपोर्ट कराने में सफलता हासिल की है। उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी मेनपाल बादली साल 2018 में पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर देश से फरार हो गया था। कंबोडिया में जाकर वह बिजनेस करने लगा था। आरोपी पर हत्या, हत्या के प्रयास सहित संगीन अपराधों के 22 मामले दर्ज हैं। वहीं, भोंडसी जेल में रहते हुए उसने एक कैदी की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह भगोड़ा घोषित है। इसमें से हत्या के तीन मामलों में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है। फिलहाल आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। रिमांड पर पूछताछ के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। 

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कोलकाता से बैंकॉक होते हुए गया कंबोडिया

आईजी एसटीएफ सतीश बालन ने पत्रकारवार्ता कर बताया कि कुछ दिन पहले एसटीएफ को कुख्यात आरोपी मेनपाल के फर्जी दस्तावेज के आधार पर सोनू कुमार के नाम से पासपोर्ट बनवाया और कोलकाता एयरपोर्ट से बैंकॉक होते हुए कंबोडिया चला गया। इस सूचना पर एसटीएफ ने केंद्रीय जांच एजेंसियों से संपर्क कर कंबोडिया गवर्नमेंट से संपर्क किया। कंबोडिया गवर्नमेंट ने भी एसटीएफ हरियाणा का साथ देते हुए उसे डिटेन कर लिया और डेढ़ महीने तक कस्टडी में रखा और अब उसे डिपोर्ट कर भारत भेजा जिसे एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि अब आरोपी से पूछताछ की जाएगी कि आखिर वह किस रूट से कंबोडिया गया और उसकी किस-किस व्यक्ति ने मदद की। इन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। 

 

कंबोडिया में शुरू किया बिजनेस

एसटीएफ आईजी सतीश बालन ने बताया कि आरोपी भारत से अपने साथियों के जरिए रुपए मंगवा रहा था। इस रुपये से उनसे कंबोडिया के सिएम रीप रहकर डिस्कोथेक के नाम से रेस्टोरेंट और बार का बिजनेस शुरू किया। वहां प्रेमिका के साथ लिवइन में रहने लगा और उसके 3 बच्चे भी हैं। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कंबोडिया जाने के बाद उसने भारत में किसी से भी संपर्क नहीं किया। वहां कोई भी नहीं जानता था कि यह मेनपाल बादली है। वहां उसने अपनी पहचान सोनू कुमार के नाम से बनाई हुई थी। फर्जी पासपोर्ट के आधार पर वह इंडोनेशिया, थाईलैंड सहित अन्य कई देशों में जा चुका है।

 

22 मामलों में से 3 में हो चुकी है उम्रकैद

सतीश बालन ने बताया कि आरोपी मेनपाल पर 22 मामले हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज हैं। साल 2007 में किए गए दो मर्डर के मामले में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है। वहीं, साल 2010 में किए गए एक अन्य मर्डर में भी उसे उम्रकैद हो चुकी है। कई बार उसकी पेरोल की अर्जी खारिज कराई गई, लेकिन साल 2018 में उसे तीन महीने की पेरोल मिल गई और वह जेल से बाहर आ गया। पेरोल का समय पूरा होने के बाद भी वह नहीं लौटा और देश छोड़कर भाग गया।

 

जिस नाम से बनाए दस्तावेज उस व्यक्ति का नहीं है कोई अस्तित्व

आईजी सतीश बालन ने बताया कि प्रारंभिक तौर की जांच में सामने आया कि उसने सरहौल के एक एड्रेस पर सोनू कुमार के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। जब जांच की गई तो सामने आया कि सोनू कुमार नाम का कोई व्यक्ति अस्तित्व में ही नहीं है। उसने फर्जी दस्तावेज तैयार किए जिसके बाद उसने इन्हीं दस्तावेजों से अपना पासपोर्ट बनाया और देश छोड़कर चला गया। 

 

जेल में हत्या के मामले में अब चलेगा ट्रायल

आईजी सतीश बालन ने बताया कि जेल में हत्या किए जाने के मामले में यह अदालत से भगोड़ा घोषित है। हरियाणा पुलिस ने भी आरोपी की गिरफ्तारी पर पांच लाख का इनाम घोषित किया हुआ है। जेल में हत्या किए जाने के मामले में उसके दो अन्य साथियों पर ट्रायल पूरा हो चुका है और उन्हें सजा भी हो चुकी है, लेकिन यह आरोपी फरार था जिस पर अब ट्रायल चलेगा।

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