Edited By Isha, Updated: 03 Sep, 2025 12:42 PM

हरियाणा में लिंगानुपात को हरियाणा में लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार और सख्त हो गई है। लिंगानुपात नहीं सुधार पा रहे छह जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) पर कार्रवाई की तैयारी है। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, करनाल
चंडीगढ़: हरियाणा में लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार और सख्त हो गई है। लिंगानुपात नहीं सुधार पा रहे छह जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) पर कार्रवाई की तैयारी है। अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, करनाल, सिरसा और पलवल के सीएमओ से लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाने की वजह पूछी गई है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने मंगलवार को स्टेट टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक में कहा कि लिंगानुपात सुधारने में ढीले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अलग से बैठक में व्यक्तिगत रूप से बुलाकर जवाब तलब किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि अपना कार्य निष्ठापूर्वक न करने के कारण दो आशा कार्यकर्ताओं को को नौकरी से हटा दिया गया है। इसी प्रकार पंचकूला में पहले से तीन लड़कियों की माता और गर्भवती महिला की मौत मामले में आशा वर्कर को सही से निगरानी न करने के कारण नौकरी से हटा दिया गया है।
उन्होंने आयुष विभाग के डाक्टरों को भी निर्देश दिया कि अवैध रूप से बिकने वाली एमटीपी ( मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी) किट के मामले में नजर रखें। वे अपने आसपास के चार-चार गांवों पर ध्यान रखें कि 12 सप्ताह से अधिक समय के गर्भ वाली कोई गर्भवती महिला अवैध रूप से गर्भपात न करवा लें। राहत की बात यह कि पिछले वर्ष 31 अगस्त को जहां लिंगानुपात 901 था, वहीँ इस वर्ष समान अवधि में लिंगानुपात 907 रहा है।