Edited By Isha, Updated: 03 Sep, 2025 08:48 AM

रेवाड़ी में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि शहरवासी ही नहीं, सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारी भी इनसे खौफजदा हैं। बीते एक सप्ताह में ही 200 से अधिक लोग कुत्तों और बंदरों
रेवाड़ी(महेंद्र भारती): रेवाड़ी में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि शहरवासी ही नहीं, सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारी भी इनसे खौफजदा हैं। बीते एक सप्ताह में ही 200 से अधिक लोग कुत्तों और बंदरों के हमले के बाद उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। हालांकि अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन और इलाज उपलब्ध है, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही साफ झलक रही है।
शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नगर परिषद का दावा है कि कुत्तों व बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही नसबंदी व टीकाकरण का काम शुरू होगा, ताकि जनहानि से बचा जा सके। चिकित्सकों ने डॉग लवर्स से अपील की है कि वे अपने पालतू कुत्तों का समय-समय पर टीकाकरण करवाएं।
वहीं, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बंदरों का आतंक चरम पर है। अब तक आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी उनके शिकार बन चुके हैं, जिनमें जेई अनिल यादव, माली ओमप्रकाश, क्लर्क पवन कुमार, स्वीपर कमलजीत और कुक संजय पांडे की पत्नी संध्या पांडे शामिल हैं। कर्मचारी बताते हैं कि वे छुट्टी के बाद घर जाने से भी डरते हैं कि कहीं रास्ते में बंदर हमला न कर दें। रेवाड़ी की गढ़ी बोलनी रोड पर बंदरों का आतंक हैं।
उनका कहना है कि यदि किसी मंत्री या अधिकारी पर बंदरों ने हमला कर दिया तो हालात और बिगड़ जाएंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि कुत्तों की संख्या बढ़ने में इंसानों की भी भूमिका है, क्योंकि लोग उन्हें नियमित रूप से खाना खिलाते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इनके लिए स्थायी शेल्टर बनाए जाएं। फिलहाल नगर परिषद और प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। अब देखना है कि कब तक जनता को इस आतंक से निजात मिलती है।