Edited By Mohammad Kumail, Updated: 19 Aug, 2023 06:55 PM
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन आज सिरसा में किया गया। बैठक में टीडीएस, ई-इनवॉयस, जीएसटी, बूथ के लाइसेंस, फसलों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से करवाने, अढ़ाई प्रतिशत कमीशन देने, किसानों को फसल का सीधे भुगतान देने...
सिरसा (सतनाम सिंह) : हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन आज सिरसा में किया गया। बैठक में टीडीएस, ई-इनवॉयस, जीएसटी, बूथ के लाइसेंस, फसलों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से करवाने, अढ़ाई प्रतिशत कमीशन देने, किसानों को फसल का सीधे भुगतान देने के साथ-साथ आढ़ती के माध्यम से भी भुगतान का ऑप्शन देने, सीमांत किसानों की फसलों ई-पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने सहित अन्य मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रदेशभर से जुटे आढ़तियों से कहा कि वर्ष 2016 से आढ़ती अपनी डिमांड को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार उनकी एक नहीं सुन रही। आढ़ती आमरण अनशन भी कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं होने से रोषित हैं। सरकार की अनदेखी के चलते एसोसिएशन सदस्यों ने आज नारा दिया है कि जो व्यापारियों का सम्मान करेगा वही हरियाणा पर राज करेगा। आढ़तियों ने एक आवाज में कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो सरकार को 2024 में होने वाले चुनावों में इसका परिणाम भुगतना होगा। आढ़ती, व्यापारी व मजदूर सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे। बैठक में आढ़तियों पर हो रही ईडी व इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई की भी निंदा की गई। आढ़तियों ने कहा कि सरकार आढ़ती व व्यापारियों को झुकाने के लिए ईडी व इनकम टैक्स विभाग से छापेमारी करवा रही है जो बर्दाश्त योग्य नहीं है।
एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अशोक गुप्ता व उपप्रधान धर्मवीर मलिक ने कहा कि किसानों की फसलों की खरीद सरकार आढ़ती के माध्यम से करे और आढ़ती को अढ़ाई प्रतिशत कमीशन भी दे। आढ़त का एक लाइसेंस पूरे प्रदेश में मान्य हो। मंडियों की दुकानों में आढ़त के अलावा अन्य व्यापार करने की अनुमति दी जाए। कच्चे आढ़तियों के लिए पंजाब की तर्ज पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन में छूट दी जाए। इसी तरह कुछ अन्य मांगे हैं जिनको लेकर आज की बैठक में विचार-विमर्श किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो इसका परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहे।
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