12 जिलों में 12 नए श्रम न्यायालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई: अनिल विज

Edited By Isha, Updated: 21 May, 2025 04:19 PM

state government to establish 12 new labour courts in 12 districts

हरियाणा के श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में अब श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक विवादों को शीघ्र अति शीघ्र निपटाने के लिए राज्य में कुल 26 श्रम न्यायालय संचालित होंगे

चण्डीगढ(चन्द्र शेखर धरणी ): हरियाणा के श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में अब श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक विवादों को शीघ्र अति शीघ्र निपटाने के लिए राज्य में कुल 26 श्रम न्यायालय संचालित होंगे। इस संबंध में 12 जिलों में 12 नए श्रम न्यायालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई हैं। 

उल्लेखनीय है कि श्रम मंत्री ने श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अन्य 12 जिलों नामतः पंचकूला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद, सिरसा, महेन्द्रगढ, भिवानी, चरखी-दादरी, फतेहाबाद एवं मेवात (नूंह) में श्रम न्यायालय स्थापित करने के लिए अपनी ओर से मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। विज ने बताया कि इन 12 श्रम न्यायालयों की स्थापना हेतू बुनियादी ढांचा, फर्नीचर, वाहन, पैट्रोल इत्यादि की व्यवस्था पर लगभग 12 करोड रूपए की राशि का खर्च आएगा। 

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6 जिलों (अंबाला में एक, पानीपत में एक, हिसार में एक, रोहतक में एक, गुरूग्राम में दो तथा फरीदाबाद में तीन) में 9 श्रम न्यायालय संचालित हैं, जबकि  जिला रेवाडी के बावल में एक श्रम न्यायालय निर्माणधीन है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट भाषण के अनुरूप सोनीपत में एक, झज्जर में एक, पलवल में एक तथा रेवाडी में एक अर्थात चार अन्य श्रम न्यायालयों को पहले ही मंजूरी प्रदान कर दी गई थी। इस प्रकार से 10 जिलों मंे कुल 14 श्रम न्यायालय की संख्या हो गई थी। 

राज्य के अन्य 12 जिलों में 12 नए श्रम न्यायालयों को स्थापित करने के लिए श्रम मंत्री श्री अनिल विज के प्रयासों से इस प्रक्रिया को सिरे चढा दिया गया है और आज उन्होंने इस बारे में बताया कि हरियाणा में अब कुल 26 श्रम न्यायालय होंगें। विज ने कहा कि वे चाहते हैं कि श्रम विभाग से संबंधित औद्योगिक विवादों को जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों को समय पर न्याय मिल सकें, इसलिए प्रत्येक जिला में श्रम न्यायालय स्थापित किए जा रहे है। 
 

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