Edited By Shivam, Updated: 24 Aug, 2019 04:59 PM
गुरुग्राम में हाल ही में जारी हुए लिंगानुपात के आंकड़ों ने ''बेटी बचाओ अभियान'' की पोल खोल कर रख दी है। सरकार ने देश भर में कम होते लिंगानुपात पर गंभीरता दिखाते हुए ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' का बेहतरीन नारा दिया, जिसके तहत शुरुआत में सैकड़ों अवैध...
गुरुग्राम (मोहित): गुरुग्राम में हाल ही में जारी हुए लिंगानुपात के आंकड़ों ने 'बेटी बचाओ अभियान' की पोल खोल कर रख दी है। सरकार ने देश भर में कम होते लिंगानुपात पर गंभीरता दिखाते हुए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का बेहतरीन नारा दिया, जिसके तहत शुरुआत में सैकड़ों अवैध गर्भपात केंद्रों को बंद करवाया गया, लेकिन यह अभियान अब कमजोर हो चला है, नतीजन साइबर सिटी में लिंगानुपात 857 पर आ गया है। यह आंकड़ा अगस्त 2018 से अगस्त 2019 तक का है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिले के चीफ मेडिकल अधिकारी जेएस पुनिया ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि बीते कुछ समय से अवैध तौर पर लिंग जांच का कारोबार बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे काम करने वालों के खिलाफ साल 2016 व 2017 के दौरान जबरदस्त एक्शन लिया गया, लेकिन उसके बाद ढिलाई बरती गई, जिसके चलते यह आंकड़े सामने आएं हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही टीमों का गठन कर फिर से लिंगानुपात से जुड़े आपराधिक मामलों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों, अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
बता दें कि बीते 5 सालों में हरियाणा के इस अति साक्षर जिले का लिंगानुपात 5000 लड़कों पर 4500 के आसपास लड़कियां का रहा है। 2015 में यह आंकड़ा 1 हजार लड़कों पर 833 था, 2016 में 875 पर पहुंचा। वहीं 2016 और 2017 में आंकड़ा 900 की संख्या को पार कर गया, लेकिन इस बार फिर से 857 पर आ गिरा है।