Edited By Manisha rana, Updated: 12 Dec, 2024 07:44 AM
बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई को झटके पर झटके लग रहे है। राजनीति के बाद कुलदीप की बिश्नोई समाज पर भी पकड़ कमजोर होती जा रही है।
हरियाणा डेस्क : बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई को झटके पर झटके लग रहे है। राजनीति के बाद कुलदीप की बिश्नोई समाज पर भी पकड़ कमजोर होती जा रही है। बता दें कि मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी ने कुलदीप के अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद के ऑफर को ठुकरा दिया है।
12 साल बाद संरक्षक के पद से दिया इस्तीफा
हाल ही में कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर संरक्षक पद छोड़ने की घोषणा की थी। कुलदीप बिश्नोई पूर्व CM चौधरी भजनलाल के देहांत के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक बनाए गए थे। 12 साल तक इस पद पर रहने के बाद हाल ही में उन्होंने समाज के नाम एक संदेश जारी किया और संरक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया।
कुलदीप बिश्नोई का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह बिश्नोई समाज के लोगों से कह रहे हैं कि उन्हें संरक्षक पद नहीं चाहिए। कुलदीप ने कहा कि इस पद पर किसी और की नियुक्ति होनी चाहिए। इससे पहले कुलदीप बिश्नोई ने देवेंद्र बूड़िया की जगह पर परसराम बिश्नोई को प्रधान बनाया था लेकिन उन्होंने भी पद लेने से इनकार कर दिया था।
वहीं मुकाम पीठाधीश्वर का यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि कुलदीप ने बूड़िया पर दबाव बनाने के लिए ही यह घोषणा की थी। यही नहीं, उन्हीं के संरक्षण में चुनाव कराने की भी सिफारिश की थी और 29 मेंबरी कमेटी की घोषणा भी कर दी थी। कुलदीप बिश्नोई ने 7 दिसंबर को एक लेटर जारी किया था। उसमें उन्होंने कहा था कि समाज के भाईचारे और एकजुटता के लिए वह बिश्नोई समाज के सिरमौर मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद जी को महासभा का संरक्षक मनोनीत कर रहे हैं।
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