विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटेड पाठयक्रमों बदले जाएं : रणदीप सुरजेवाला

Edited By Isha, Updated: 12 Apr, 2022 08:52 AM

self finance courses should be changed

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटेड पाठयक्रमों में बदलने की मांग की है।

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटेड पाठयक्रमों में बदलने की मांग की है। सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गठित यूनिवर्सिटी रिव्यू कमेटी ने 21 जुलाई, 2017 को दी गई रिपोर्ट में विषय क्रमांक 15 के अंतर्गत साफ तौर पर अनुशंसा की थी कि प्रदेश के जिन सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में पिछले पांच सालों में 70 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, उन्हें सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज से निकाल कर राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित वर्ग में डाला जाए। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट पर खट्टर सरकार ने पहले तो पांच साल तक कोई फैसला नहीं लिया और इसे ठन्डे बस्ते में डाले रखा।

पांच साल बाद राज्य सरकार ने 15 मार्च, 2022 को हरियाणा के उच्चतर विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालयों को उस अनुशंसा को लागू करते हुए वहाँ चल रहे सेल्फ फाइनेंस पाठयक्रमों को बजटिड पाठयक्रमों में बदलने के निर्देश दिए। लेकिन उस फैसले के 23 दिन बाद ही 8 अप्रैल, 2022 को डायरेक्टर हायर एजुकेशन ने अपने पत्र क्रमांक 18/23 – 2022 यू.एन.पी. 1 के द्वारा 15 मार्च के अपने पूर्व निर्देशों को वापस ले लिया गया, जो प्रदेश के सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में पढ़ने वाले सभी छात्रों पर सीधा कुठाराघात है।

सुरजेवाला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित यूनिवर्सिटी रिव्यू कमेटी ने यह भी माना था कि खट्टर सरकार के दौरान नवीन पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई और नए पाठ्यक्रमों के लिए दिए जाने वाला अनुदान शून्य ही रहा। इस हालात में उद्योग एवं व्यापार की आवश्यकताओं के अनुसार विश्वविद्यालयों को नए पाठ्यक्रम चलाने पड़े, जिनकी व्यवस्थाएं ऐसी की गई थी कि उनके कोर्सेज को विश्वविद्यालयों के अपने संसाधनों से और प्राप्त शिक्षण शुल्क से चलाया गया। सुरजेवाला ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में वर्तमान समय में विभिन्न विभागों में सैंकड़ों की संख्या में सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज चल रहे हैं, जिनकी फीस 40 से 80 हजार रुपए तक है। इन कोर्सेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी एक लाख के लगभग है। ऐसे में इन सभी कोर्सेज को अगर सेल्फ फाइनेंस से बजटिड में बदला जाता तो इन कोर्सेज की फीस भी घटनी तय थी, लेकिन सरकार द्वारा अपना ही फैसले को बदल लेने से प्रदेश के गरीब और मध्यमवर्गीय छात्रों को सीधा नुकसान हुआ है और अब उन्हें महंगी फीस देकर ही पढ़ने पर मजबूर होना पड़ेगा।

 नए निर्देशों का हवाला हुए सुरजेवाला ने कहा कि इस छात्र एवं युवा विरोधी फैसले से ये साबित हो गया है कि खट्टर-चौटाला सरकार पूरी तरह से प्रदेश सरकार शिक्षा का व्यापारीकरण करने पर उतारु है और उसे प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। सुरजेवाला ने कहा कि राज्य द्वारा अनुमोदित और गैर अनुमोदित पाठ्यक्रमों में भेद होने से सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज के छात्रों को बहुत ज्यादा फीस देनी पड़ रही है और ये कोर्स केवल अमीरों की जागीर बन गए हैं, जहाँ महंगाई के इस दौर में मध्यम वर्गीय और गरीब वर्गों के छात्रों के लिए पढ़ना असंभव है, ऐसे में सरकार को प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपना फैसला तुरंत बदलना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र जल्द ही शुरु होने वाला है और हमारी मांग है कि वर्तमान सत्र में पढ रहे सभी छात्रों के लिए भी सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज को बजटिड में बदला जाना चाहिए, ताकि छात्र इस सत्र से ही कम फीस देकर प्रोफेशनल कोर्सेज में पढ़ाई कर सकें।

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!