शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रोटोकॉल को फॉलो करने की जरूरत: संजीव कौशल

Edited By Shivam, Updated: 22 Nov, 2020 04:58 PM

sanjeev kaushal said needs to follow protocol

हरियाणा के एफसीआर व आपदा प्रबंधन के एसीएस संजीव कौशल ने पंजाब केसरी से खास बातचीत करते हुए बताया कि शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभाग ने जो प्रोटोकॉल जारी किए हैं, उनको फॉलो करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को 30 नवंबर तक बंद कर दिया गया है ताकि...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के एफसीआर व आपदा प्रबंधन के एसीएस संजीव कौशल ने पंजाब केसरी से खास बातचीत करते हुए बताया कि शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभाग ने जो प्रोटोकॉल जारी किए हैं, उनको फॉलो करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को 30 नवंबर तक बंद कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की दहशत पैदा न हो। संजीव कौशल से पंजाब केसरी की खास बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न:- हरियाणा में काफी स्कूली बच्चे संक्रमित मिले हैं, इसमें कितनी सच्चाई है?
उत्तर:- कुछ बच्चे हमारे संक्रमित हुए हैं, इसलिए अध्यापकों अभिभावकों और विद्यार्थियों को और अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है। जो प्रोटोकॉल शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी किए हैं, उनको फॉलो करने की जरूरत है। जिन स्कूलों में पॉजिटिव केस पाए हैं शिक्षा विभाग ने 30 नवम्बर तक स्कूल बंद कर दिया है, ताकि दहशत का माहौल पैदा ना हो इसलिए केवल पहले वही स्कूल बंद किए गए हैं। बाकी स्कूलों में केवल नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को ही जाने की इजाजत दी गई है। वह भी अभिभावकों की सहमति से और जो नहीं आना चाहते चाहे सरकारी स्कूल के हो या प्राइवेट के ऑनलाइन शिक्षा की फैसिलिटी सभी को मिल रही है। 

प्रश्न:- स्कूल में जाने वाले बच्चों और अध्यापकों के टेस्ट इत्यादि करवाने की व्यवस्था है?
उत्तर:- प्रोटोकॉल के अनुसार स्कूल को रोजाना बहुत अच्छी तरह से सेनीटाइज किया जाना चाहिए। बच्चों के बैठने के लिए बीच में काफी गैप होना चाहिए। एक बेंच पर एक ही विद्यार्थी को बैठाने की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा 3 घंटे से ज्यादा स्कूल नहीं चलाए जाएंगे। अलग-अलग क्लास के लिए अलग-अलग टाइम निर्धारित की व्यवस्था की गई है। 

प्रश्न:- त्योहारों का महीना है। इसके लिए क्या गाइडलाइन है?
उत्तर:- यह पूरा महीना ही हमारा त्योहारों का है, अभी यमुनानगर में कार्तिक महीने में कपाल मोचन का मेला होता है। वहां पर शासन ने श्रद्धालुओं से बातचीत करके इस बात में मनाने का फैसला लिया। कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर सूर्य देव की छठ पर्व पर पूजा भी की गई। दो संस्थाओं को उपायुक्त ने इजाजत दी, इसके लिए भी 50 से ज्यादा लोगों को ना आने की अनुमति दी गई थी। कई प्रदेशों में इस प्रकार की इजाजत भी नहीं दी गई लेकिन लोगों की श्रद्धा को देखते हुए और क्षेत्र की स्थिति इतनी बुरी भी नहीं थी इसलिए यहां के उपायुक्त ने इसकी इजाजत दी।

प्रश्न:- कलेक्ट्रेट रेट के लिए क्या तैयारी है? 
उत्तर:- हमने सभी उपायुक्तों को लिखा है कि किस तरह से वह तहसील स्तर पर अधिकारियों की कमेटी बनाएं और वह कमेटी उन लोगों से जिन्हें वहां की मार्केट रेट की जानकारी है, उनसे संपर्क करेंगे फिर रेट निर्धारित होगा और रेट पब्लिश किया जाएगा। फिर ऑब्जेक्शन भी इनवाइट किए जाएंगे। पहली बार ऐसा होगा कि ऑब्जेक्शन भी फाइल किया जा सकता है। एक महीने का समय रखा गया है कि उन ऑब्जेक्शन को देखकर समझ कर उसके बाद फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर की बहुत अच्छी सोच है कि जनता की हिस्सेदारी से रेट का निर्धारण होगा, इस बार हम यह मार्च में कर पाएंगे। अगली बार से जनवरी से ही कलेक्टर रेट निर्धारित कर लिए जाएंगे।

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