Edited By Yakeen Kumar, Updated: 15 Jul, 2025 02:57 PM

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने पशु प्रजनन तकनीक में बड़ी कामयाबी हासिल की है। देश की पहली गिर नस्ल की क्लोन गाय गंगा के अंश से विकसित भ्रूण को साहीवाल नस्ल की गाय के गर्भ...
करनाल : राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ने पशु प्रजनन तकनीक में बड़ी कामयाबी हासिल की है। देश की पहली गिर नस्ल की क्लोन गाय गंगा के अंश से विकसित भ्रूण को साहीवाल नस्ल की गाय के गर्भ में प्रस्थापित करके गिर नस्ल की बछड़ी पैदा की गई है। सावन में पैदा होने से इसका नाम श्रावणी रखा है। वैज्ञानिकों ने ओपीयू-आईवीएफ तकनीक के जरिए यह कामयाबी मिली है।
बीती 11 जुलाई को NDRI में साहीवाल गाय ने गिर नस्ल की बछड़ी को जन्म दिया। साइंटिस्टों ने क्लोन व NDRI तकनीक के संयुक्त प्रयोग से 39 महीनों में ही गाय की 2 पीढ़ियां तैयार की हैं, जबकि आमतौर पर 2 पीढ़ियों के पैदा होने में 60 से 84 महीनों का समय लगता है।
इन वैज्ञानिकों निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
NDRI वैज्ञानिकों का दावा किो यह उपलब्धि देश में अधिक दूध देने वाली उत्तम नस्ल की गायों की संख्या को तेजी बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगी। यह उपलब्धि को हासिल करने के लिए NDRI निदेशक डॉ. धीरसिंह के निर्देशन में वैज्ञानिकों की टीम डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. रंजीत वर्मा, कार्तिकेय पटेल, डॉ. नरेश सेलोकर, डॉ. प्रियंका सिंह और डॉ. नितिन त्यागी ने काम किया। गाय-बछड़ो दोनों स्वस्थ हैं।
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