हुड्डा की शरण में रिटायर्ड जज निर्मल यादव

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 15 Jun, 2018 08:25 AM

retired judge nirmal yadav in hooda s asylum

राजनीति में प्रवेश करने की तैयारी कर रहीं रिटायर्ड जज निर्मल यादव इस समय पूर्व सीएम हुड्डा के खेमे में शामिल हो गई हैं। उन्होंने अपने भाई कैप्टन अजय सिंह यादव को भी इस मामले में साइडलाइन कर ...

अम्बाला(वत्स,मीनू): राजनीति में प्रवेश करने की तैयारी कर रहीं रिटायर्ड जज निर्मल यादव इस समय पूर्व सीएम हुड्डा के खेमे में शामिल हो गई हैं। उन्होंने अपने भाई कैप्टन अजय सिंह यादव को भी इस मामले में साइडलाइन कर दिया है। कैप्टन और हुड्डा के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। हुड्डा कैप्टन को रेवाड़ी क्षेत्र में कमजोर करने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 

हालांकि कैप्टन यह दावा कर रहे हैं कि उनकी बहन निर्मल यादव पूरी तरह से उनके साथ है, लेकिन कैप्टन के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति कहीं नजर नहीं आती। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की जज रहते निर्मल यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उस समय हुड्डा हरियाणा के सीएम थे। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर हुई थी। बाद में निर्मल यादव सेवानिवृत्त हो गई थीं। बताया जा रहा है कि निर्मल अब राजनीति में सक्रिय हो रही हैं। 

कुछ समय पूर्व ही उन्होंने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की थी। उनके भाई कैप्टन अजय सिंह यादव अहीरवाल के कद्दावर नेता रहे हैं। वह लगातार एक ही विधानसभा क्षेत्र से लगातार 6 बार चुनाव जीतने वाले प्रदेश के इकलौते नेता हैं। हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल में वह पावरफुल मंत्री होते थे। बाद में उनके हुड्डा के साथ मतभेद शुरू हो गए थे। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर कैप्टन को जीत हासिल हुई। वह चुनावों से पहले दावा करते रहे थे कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो नेतृत्व दक्षिण हरियाणा के हाथों में होगा।

कैप्टन ने हुड्डा सरकार में रहते हुए कभी उनका जमकर गुणगान किया तो कभी उनके खिलाफ विरोध के स्वर भी अपनाएं। आलम यह हुआ कि प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अजय को हुड्डा डिमोट करते हुए बिजली और सिंचाई मंत्री तक सीमित कर दिया। कैप्टन ने पद वापस लेने के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बनाने का पूरा प्रयास किया, परंतु उन्हें इसमें कोई सफलता नहीं मिली। उसके बाद कैप्टन हुड्डा के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते रहे। 

एक मौका ऐसा भी आया जब कैप्टन ने फिर से हुड्डा का गुणगान करना शुरू कर दिया। इस समय कांग्रेस के इन दोनों नेताओं में छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है। इसी बीच हुड्डा की ओर से अहीरवाल में कैप्टन को कमजोर करने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। कैप्टन विरोधी खेमा तैयार करने में हुड्डा लगातार कामयाब हो रहे हैं। हुड्डा ने रेवाड़ी में कैप्टन की काट ढूंढते हुए कैप्टन के ही पीए रह चुके महाबीर मसानी को आगे कर दिया है। 
 

अब कैप्टन की बहन निर्मल यादव हुड्डा व उनके बेटे दीपेंद्र से कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्मल यादव अब राजनीति के मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कैप्टन का फोकस फिलहाल अपने बेटे चिरंजीव राव को आगे लाने का है। वह चिरंजीव को आने वाले चुनावों में हर हाल में टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। उनके इन्हीं प्रयासों के कारण उनके अपने उनसे अलग हो रहे हैं। उनका अपना जनाधार खिसकता नजर आ रहा है। 

अहीरवाल के कांग्रेसी पूर्व विधायक कभी उनके साथ होते थे। अब वह भी कैप्टन से दूरी बना चुके हैं। अहीरवाल का कोई बड़ा कांग्रेसी नेता कैप्टन के साथ दिखाई नहीं देता। इतना जरूर है कि कैप्टन कभी कभार पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के बैनर तले जरूर दिखाई दे जाते हैं। पहले वह किरण चौधरी के साथ भी दिखाई देते थे। रेवाड़ी में उनके कई पुराने समर्थक उनसे दूर जा चुके हैं। आने वाले समय में कई और उनके अपने समर्थक उन्हें अलविदा कर सकते हैं।
 

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